शहर के बड़े कॉलेज प्रबंधक एक साथ स्कूल बंद होने के विरोध में
-लॉ-मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज में प्रेसवार्ता कर शासन से स्कूल खुलवाने की मांग
लखनऊ।
जब बाजार खुले हैं, चुनावी कार्यक्रम हो रहे हैं तो स्कूल क्यों बंद हैं। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? ये कुछ ऐसे हैं सवाल हैं जो शासन से सीधे शहर के बड़े स्कूलों ने बुधवार को पूछे। लॉ-मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज, सेंट जोसफ स्कूल, लखनऊ पब्लिक कॉलिजिएट, सीएमएस, हार्नर कॉलेज, इरम एजुकेशनल ग्रुप समेत तमाम प्राइवेट कॉलेज के प्रबंधक एक साथ अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ आए और स्कूल बंदी का विरोध किया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने साफ कहा कि सिर्फ स्कूलों में ही कोविड सरकार और शासन को दिख रहा है। जबकि बच्चे सौ फीसदी वैक्सीनेटेड हैं। स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। इसके बावजूद स्कूल को बंद कर के गलत किया जा रहा है। हम शासन से मांग करते हैं कि तत्काल प्रभाव से स्कूल खोलने का आदेश दें। अधिकत्तर अभिभावकों की भी यहीं मांग हैं। लॉ-मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज की प्रधानाचार्य आश्रिता दास ने भी स्कूल खोले जाने की वकालत की।
सीबीएसई सिटी कोआर्डिनेटर जावेद आलम खान ने भी कहा कि बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए स्कूल खोल देने चाहिए। इरम एजुकेशनल ग्रुप के फैजी युनूस ने कहा कि कोविड में फीस नहीं बढ़ाने के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन स्कूलों का सहयोग किसी मद में नहीं किया जाता है। बिजली, पानी, शिक्षकों का वेतन, अन्य चीजों के शुल्क में कोई कटौती नहीं की जाती है।
प्रो. गीता गांधी ने कहा कि कई राज्यों में स्कूल खुल चुके हैं। कॉलेज प्रबंधकों ने शासन द्वारा सात जनवरी के जारी आदेश जिसमें सत्र 2022-23 में फीस नहीं बढ़ाने के निर्देश हैं को मानने से इंकार कर दिया है।
वोट दो, अतिरिक्त नम्बर और फीस में छूट
इस मौके पर स्कूल प्रबंधकों ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने का फॉर्मूला भी बताया। हार्नर कॉलेज की प्रधानाचार्या डा. माला मेहरा ने कहा कि जिलाधिकारी से मुलाकात के बाद हमने मतदान प्रतिशत बढ़ाने का रोड मैप तैयार कर लिया है। अगर सात जनवरी से स्कूल खुलते हैं तो मतदान प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
शहर में तकरीनब तीन लाख छात्र 18 वर्ष की आयु के हैं जो प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं। हमने तय किया है कि जो छात्र वोट देगा उसे परीक्षा में अतिरिक्त नम्बर दिए जाएंगे। साथ ही अभिभावकों के वोट देने पर अतिरिक्त नम्बर देने का प्रावधान बनाया गया है। जिस छात्र के घर के सभी लोग मतदान करते हैं उसे फीस में एक प्रतिशत की छूट भी दी जाए।
स्कूल नहीं खले तो सहयोग नहीं
स्कूल प्रबंधकों ने साफ किया कि यदि सात जनवरी से स्कूल खोलने के आदेश नहीं आते हैं तो प्राइवेट स्कूलों की तरफ से शासन के कार्यक्रमों के साथ ही विधान सभा चुनावों में भी कोई सहयोग नहीं किया जाएगा। अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि शासन के कार्यक्रमों में सबसे आगे प्राइवेट स्कूल रहते हैं और सबसे गलत भी प्राइवेट स्कूलों के साथ ही किया जा रहा है।
ऑनलाइन कक्षाएं सुरक्षित नहीं
अनिल अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन कक्षाएं सुरक्षित नहीं हैं। कई मामले ऐसे आए जो शर्मिन्दा करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि हमारे सेंट जोसफ स्कूल में कुछ आपत्तिजनत मैसेज, फोटो और प्रधानाचार्या पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। इसकी शिकायत बुधवार को मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई है। ऐसा तमाम स्कूलों में हुआ है। हम शिक्षकों के साथ बदतमीजी नहीं बर्दाश्त कर सकते हैं।