मऊ। सर्दी बीतने को है। लेकिन प्राथमिक विद्यालयों के नौ हजार छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में ड्रेस की धनराशि नहीं पहुंच सकी है।
जिसके चलते बच्चे बिना ड्रेस के ही स्कूल जा रहे हैं। विभागीय अधिकारी चार दिनों से पोर्टल नहीं चलने की बात कर रहे हैं। जिले के परिषदीय, सहायता प्राप्त, मदरसा, समाज कल्याण सहित 1600 विद्यालयों में एक लाख 84 हजार 895 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। सरकार ने इस बार छात्रों को ड्रेस, स्वेटर, जूते, मौजे देने के बजाय उनके अभिभावकों के खातों में 1100 रुपये देने का निर्णय लिया। जिले में अक्तूबर माह से छात्रों अभिभावकों के खातों में पैसा डालने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन अब फरवरी माह बीतने को है। अभी तक लगभग 1,75,000 बच्चों के अभिभावकों के खातों में पैसा पहुंच पाया है। अधिकारियों की मानें तो संक्रमण के चलते विद्यालयों के बंद रहने तथा शिक्षकों तथा अधिकारियों की चुनाव में ड्यूटी लगने के चलते सत्यापन प्रक्रिया पर असर पड़ा। चार दिनों से सर्वर में तकनीकी गड़बड़ी से पोर्टल न चलने से डीबीटी का कार्य बाधित है। बीएसए डॉ. संतोष कुमार सिंह ने बताया कि संक्रमण से विद्यालय बंद रहे। इसके बाद चुनाव ड्यूटी और सर्वर में तकनीकी गड़बड़ी से पोर्टल नहीं चल रहा। जिससे धनराशि जाने में दिक्कतें आ रही हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रक्रिया पूरी करने के लिए पत्र भेजा गया है।