फरवरी माह का पहला सप्ताह समाप्त होने वाला है, लेकिन परिषदीय विद्यालयों के हजारों बच्चों को अभी तक यूनिफार्म और स्वेटर आदि नहीं मिल सके हैं। वजह करीब 25 हजार अभिभावकों के खाते आधार से लिंक नहीं हैं। इसके चलते उन्हें निर्धारित धनराशि भेज पाना संभव नहीं हो सका है। ऐसे में सितम ढा रही ठंड के मौसम में बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि विभाग की तरफ से खातों को आधार से लिंक कराने का प्रयास किया जा रहा है
प्राथमिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए सरकार की तरफ से तमाम जतन किए जा रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा बच्चों के नामांकन के साथ ही उनका ठहराव सुनिश्चित करने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चलाई जा रही है। इनके तहत बच्चों को नि:शुल्क ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा एवं बैग वितरित किया जाता रहा है। नि:शुल्क ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा एवं बैग की गुणवत्ता पर पहले सवाल उठते रहे हैं। इसको गंभीरता से लेते हुए सरकार ने इस बार इनका पैसा बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजने का निर्णय लिया। बच्चों के लिए दो सेट ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा एवं बैग खरीदने के लिए 1056 रुपये की धनराशि निर्धारित की गई। जिले में 2269 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें 1468 प्राथमिक, 352 उच्च प्राथमिक एवं 449 कंपोजिट विद्यालय में लगभग तीन लाख बच्चों के अलावा सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चे भी हैं। इसके लिए विभाग की ओर से अभिभावकों के बैंक खातों का विवरण मांगा गया था। अभिभावकों के खातों का सत्यापन होने के बाद शासन की ओर से जिले के एक लाख 83 हजार 591 बच्चों के अभिभावकों के खाते में कुछ महीने पहले डीबीटी के माध्यम से निर्धारित धनराशि भेज दी गई। इसके बाद दूसरी बार 27 हजार 278 बच्चों के अभिभावकों के खाते में पैसा प्रेषित किया गया। बहुत जल्द ही 29 हजार 501 बच्चों के अभिभावकों के खाते में धनराशि भेज दी जाएगी। इस तरह से इनकी संख्या दो लाख 40 हजार से ज्यादा हो जाएगी। शेष बच्चों के अभिभावकों के खाते आधार से लिंक न होने के कारण उनको धनराशि भेज पाना संभव नहीं हो पा रहा है। बताया गया है कि अभिभावकों के खातों को आधार से लिंक कराने में बैंक भी विशेष रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता अमित कुमार राय ने कहा कि जिन अभिभावकों के खाते आधार से लिंक नहीं हैं उन खातों में पैसा पहुंच पाना संभव नहीं हो रहा है। अभिभावकों के खाते का सत्यापन एवं उसके लिंक होने के बाद विभाग की तरफ से निर्धारित धनराशि जल्द भेज दी जाएगी।