बेसिक स्कूल महिला शिक्षिकाओं के लिए जंग के मैदान बन रहे हैं। स्कूलों में शिक्षिकाओं के बीच मारपीट के कई मामले पिछले दिनों में सामने आए हैं। बच्चों के सामने शिक्षिकाओं द्वारा एक दूसरे को जातिसूचक शब्द बोले जाते हैं। तीन दिन पूर्व कुड़वल बनारस के संविलियिन स्कूल में दो शिक्षिकाओं के बीच विवाद हुआ और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट तक हुई। बच्चों के सामने यह सब विवाद हो रहे हैं तो उनकी पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा विवाद ऐसे स्कूलों में जहां पर महिला शिक्षिकाओं की संख्या ज्यादा है। महिलाओं पर एक दूसरे को जातिसूचक शब्द और हाथापाई के आरोप हैं बीईओ द्वारा जो कुछ रिपोर्ट तक दी गई हैं उसमें हाथापाई की बात सही साबित हुई।
बच्चों पर पड़ रहा बुरा असर
शिक्षिकाओं का विवाद बच्चों पर भी बुरा असर डाल रहा है। स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता भी ज्यादा ठीक नहीं है। बच्चों के सामने ही विवाद होते हैं तो उनकी पढ़ाई भी काफी प्रभावित होती है। कुड़वल बनारस वाले प्रकरण में तो सहायक अध्यापिका ने आत्महत्या तक की चेतावनी दी है। इसके अलावा एफआईआर के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
शिक्षिकाएं स्कूलों में बच्चों को मेहनत से पढ़ाएं। स्कूलों में वह आपसी ताल-मेल रखें। यदि किसी विद्यालय में इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो सीधो सस्पेंड किया जाएगा।
-अखंड प्रताप सिंह, बीएसए