बस्ती में दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहे एक और शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जालसाजी से नौकरी हथियाने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और वेतन रिकबरी के भी आदेश दिए हैं।
एसटीएफ की जांच में फर्जीवाड़े से उठा पर्दा
ओंकार नाथ सिंह प्रधान अध्यापक प्राथमिक विद्यालय भीतेहरा विकास खंड बस्ती सदर की नौकरी एसटीएफ की जांच में दूसरे के नाम पर पाई गई है। असली ओंकार नाथ सिंह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं और वर्तमान में आजमगढ़ जिले के तरवा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय जमुआ में कार्यरत हैं।
1993 में हासिल की थी नौकरी
वर्ष 1993 में कथित ओंकारनाथ सिंह ने फर्जी अभिलेखों के सहारे बस्ती जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति करा ली। तब से वो यहां अफसरों की आंख में धूल झोंककर कार्य करते रहे। इस तरह 29 साल से यह नौकरी कर वेतन प्राप्त करता रहा। एसटीएफ की जांच में मामला सामने आने के बाद गुरुवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सेवा से बर्खास्त कर दिया।
पहले भी एक शिक्षक को किया जा चुका है बर्खास्त
इससे पहले गत तीन फरवरी को विक्रमजोत के शेरवाडीह प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिव कुमार मिश्र की सेवा समाप्त की गई है। पैन कार्ड परिवर्तन के बाद संदिग्ध मान बेसिक शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की। जांच में इनके भी अभिलेख कूटरचित पाए गए। असली शिव कुमार मिश्र गोरखपुर जिले के गगहा विकासखंड के हड़हा भर में कार्यरत है ।
दूसरे शिक्षक का अभिलेख इस्तेमाल कर पाई थी नौकरी
इनके शैक्षणिक अभिषेक के सहारे जालसाजी की वर्ष 2010 में नियुक्ति कराई गई थी। इस फर्जी अध्यापक की सेवा समाप्त करते हुए बीएसए ने उसके विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने एवं वेतन वसूली के आदेश निर्गत किए है। इस तरह एक-एक कर अब तक बस्ती जिले में एक दर्जन फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है।