शासन ने ड्यूटी न लगाने का दिया था निर्देश, चक्कर लगा रहे शिक्षा मित्र
सोनभद्र। पिछले दिनों शासन ने निर्देश जारी करते हुए शिक्षामित्रों को चुनावी ड्यूटी से मुक्त रखने का निर्देश दिया था। इससे इतर जिले में भारी संख्या में शिक्षामित्रों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है। अब यह शिक्षामित्र ऊहापोह में हैं। मोहल्ला क्लास के संचालन में अहम भूमिका निभा रहे शिक्षामित्रों में चुनाव कार्य भी थोपे जाने से असंतोष है।
जिले में सातवें चरण के तहत सात मार्च को मतदाता कराया जाना है। इसके लिए शिक्षक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। छह फरवरी से प्रशिक्षण के मद्देनजर उन्हें ड्यूटी पत्र का वितरण शुरू हो गया है। अभी तक शिक्षामित्र आशान्वित थे कि उनकी ड्यूटी चुनाव कार्य में नहीं लगेगी। अब ड्यूटी पत्र मिलने से वह सकते में हैं। बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों की ड्यूटी मतदान दलों में लगाई गई है। उन्हें हिदायत दी जा रही है कि वह प्रशिक्षण प्राप्त कर लें, जिससे चुनाव कराने में बाधा न आए। पिछले दिनों ही शासन से ड्यूटी न लगाने का निर्देश आने के बाद अब अचानक ड्यूटी पत्र मिलने से शिक्षामित्रों में असंतोष है। दबी जुबान वह इस पर नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष वकील अहमद खान ने कहा कि दो तरफा आदेश समझ से परे है। पढ़ाई की जिम्मेदारी शिक्षामित्रों पर है। चुनाव ड्यूटी से वह यह कार्य कैसे करेंगे। इस बारे में उच्चाधिकारियों से वार्ता की जाएगी कि पहले तो सरकार ने शिक्षामित्रों की चुनाव में ड्यूटी न लगाने का फरमान जारी किया फिर कैसे ड्यूटी लगा दी गई।
“मंडल के तीनों जिलों में एक साथ मतदान होना है। ऐसे में कर्मचारियों की कमी के मद्देनजर आयोग से निर्देश आया है कि जरूरत पड़ने पर सहायक के रूप में शिक्षा मित्रों की ड्यूटी लगाई जा सकती है। कर्मचारियों की कमी में इनसे कार्य लिया जा सकेगा।” रामबाबू त्रिपाठी, डीडीओ।