कोरोना काल में बंद चल रहे स्कूलों की ऑनलाइन क्लास में अधिक से अधिक बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग गंभीर है। 30 जनवरी को माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय की वर्चुअल समीक्षा बैठक में महज 54 प्रतिशत बच्चों के ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षकों को शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए थे।
दो फरवरी को विशेष सचिव जय शंकर दुबे की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए आयोजित समीक्षा बैठक में पता चला कि 63 फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थित हो रहे हैं। इसके बाद निदेशक ने जिले में डीआईओएस और मंडल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशकों को निर्देशित किया है कि मॉनीटरिंग सेंटर बनाकर ऑनलाइन पढ़ाई की निगरानी की जाए। इसके बाद अफसरों ने निगरानी शुरू कर दी है। शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुपों पर अचानक जुड़कर देख रहे हैं कि क्या पढ़ाई हो रही है, कितने बच्चे जुड़े हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि इसकी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भी भेजी जा रही है।
ऑफलाइन क्लास के लिए मांगा प्रस्ताव
कोरोना कमजोर पड़ने के साथ ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की कवायद भी शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय ने सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों को निर्देशित किया है कि भौतिक रूप से विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू कराने और इसके लिए बच्चों को स्कूल बुलाने के संबंध में अभिभावकों, जनप्रतिनिधि और अन्य किसी माध्यम से प्राप्त सुझावों का अध्ययन कर अपना सुविचारित प्रस्ताव/संस्तुति सात फरवरी की शाम पांच बजे तक सचिव यूपी बोर्ड को उपलब्ध कराएं।