अलीगढ़ : माध्यमिक विद्यालयों में 15 से 18 वर्ष आयु के छात्र-छात्राओं को सौ फीसद कोरोना रोधी वैक्सीनेशन कराने में ढिलाई बरतने पर वित्त विहीन कालेजों पर मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति की जाएंगी।एडेड व राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का वेतन रोका जायेगा। सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र पेश करने के लिए दो फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद उक्त कार्यवाही करनी शुरू कर दी जाएगी। ये निर्देश सोमवार को एसएमबी इंटर कालेज में दो चरणों में प्रधानाचार्यों के साथ बैठक में डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि सौ फीसद वैक्सीनेशन पर सरकार व स्वास्थ्य विभाग का पूरा जोर है। इस काम में बिल्कुल भी ढिलाई सहन नहीं की जाएंगी। यह विद्यार्थियों की सेहत से जुड़ा मामला है। इसलिए सभी विद्यालय इस काम को गंभीरता से लेकर सभी विद्यार्थियों का वैक्सीनेशन कराएं।
डीआइओएस ने बताया कि सुबह 10.30 बजे से एडेड व राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों संग बैठक की गई। इसके बाद 11:30 बजे से वित्तविहीन कालेजों के प्रधानाचार्यों संग बैठक की। बताया कि डीएम सेल्वा कुमारी जे. की ओर से स्पष्ट आदेश मिल चुके हैं कि जो विद्यालय वैक्सीनेशन के संबंध में ढिलाई बरतें उनके खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट दी जाए। इसलिए जो प्रधानाचार्य दो फरवरी तक अपने यहां सौ फीसद वैक्सीनेशन की रिपोर्ट नहीं पेश करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई कर रिपोर्ट डीएम कार्यालय को भेज दी जाएगी। इसके लिए प्रधानाचार्य खुद जिम्मेदार होंगे। लगातार नोटिस जारी करने के बाद भी कई विद्यालयों में कोरोना रोधी वैक्सीनेशन को लेकर ढिलाई बरती जा रही है। यह गंभीर मामला है। इसलिए ऐसे विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को नोटिस दिए जा रहे हैं, जिन्होंने सौ फीसद वैक्सीनेशन नहीं कराया है। अगर किसी विद्यालय की मान्यता खत्म होती है तो उसकी जिम्मेदारी वहां के प्रधानाचार्य की होगी। शिक्षा विभाग इसके लिए कतई जिम्मेदार नहीं होगा।