गोरखपुर,। यूपी बोर्ड के निर्देश पर गोरखपुर जिले के वित्तविहीन स्कूलों की मनमानी भारी पड़ रही है। यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की तैनाती के लिए स्कूलों से शिक्षकों का ब्योरा आनलाइन अपलोड करने का निर्देश दिया था। अंतिम तिथि बीतने व डीआइओएस द्वारा बोर्ड से प्रधानाचार्यों के वेतन रोकने की संस्तुति के बाद भी जिले के 126 स्कूलों ने शिक्षकों का ब्योरा बोर्ड कर वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है। इनमें सर्वाधिक 120 स्कूल वित्तविहीन हैं। इसके अलावा चार सहायता प्राप्त व दो समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित हैं। अब बोर्ड इन स्कूलों के विरुद्ध मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
पहली बार कक्ष निरीक्षकों की तैनाती अपने स्तर से करने का लिया निर्णय
हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में पहली बार यूपी बोर्ड कक्ष निरीक्षकों की तैनाती अपने स्तर से करने का निर्णय लिया है। पिछले साल तक यह कार्य जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय करता रहा है। ड्यूटी को लेकर पारदर्शिता बरतने व मनमानी रोकने की दृष्टि से उठाए गए इस कदम के तहत बोर्ड ने विद्यालयों से शिक्षकों का ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया था, ताकि उसी अनुसार शिक्षकों की कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी लगाई जा सके। ब्योरा अपलोड करने के लिए स्कूलों को 20 फरवरी व डीआइओएस द्वारा सत्यापन के बाद अंतिम सूची बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए 25 फरवरी की तिथि निर्धारित की थी। लेकिन फरवरी माह बीतने के बाद स्कूलों ने ब्योरा बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया।
अधिकारी बोले
डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने बताया कि यह पूरी तरह बोर्ड के निर्देशों का उल्लंघन है। जिन स्कूलों ने ब्योरा अपलोड करने को लेकर लापरवाही बरती है उनकी सूची बोर्ड को भेज दी गई है। ताकि इनके विरुद्ध मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई हो सके।