इटावा।
आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड करने वाले जिले के 33 शिक्षक एक बार फिर से नौकरी कर सकेंगे। इन्हें फर्जी मार्कशीट के मामले में बर्खास्त कर दिया गया था। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से आदेश जारी कर दिया गया है। जिला स्तरीय अधिकारियों ने इन शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने की तैयारी कर ली है ।
आगरा यूनिवर्सिटी से 2005 बीएड प्रशिक्षित 33 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति इटावा में 2010 से 2012 के बीच की गई थी। इसी दौरान 2010 के बाद नियुक्त किए गए शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच एसआईटी से कराई गई। एसआईटी ने जांच में बताया कि इनकी मार्कशीट फर्जी हैं। अत: शासन के आदेश पर सभी सहायक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया। शिक्षकों ने शासन और विभागीय आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने शासन की कार्रवाई को गलत नहीं बताया। इसके बाद शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सभी शिक्षकों को जुलाई से वेतन जारी रखने के आदेश दिए। जुलाई 2021 से सभी शिक्षकों को वेतन तो मिल रहा था परंतु उन्हें विद्यालयों में पढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई। 22 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अनुज्ञा याचिका की सुनवाई पर अंतिम आदेश जारी करते हुए सभी सहायक शिक्षकों को विद्यालयों में ज्वाइनिंग कराने के आदेश जारी किए। शिक्षक अजय कुमार, विकास चंद्र, जितेंद्र सिंह, भारती वर्मा, धर्मेंद्र सिंह, दिनेश चंद्र, सत्यप्रकाश, अनिल कुमार, सतेंद्र कुमार, सुनील कुमार, सारिका, नरेंद्र प्रताप, प्रवेंद्र कुमार, राजेश यादव, मीरा, हरीशचंद सिंह, सीमा यादव, सत्यवीर, दयेंद्र मणि, सुनील शर्मा, सुकीर्ति तिवारी, जसवंत सिंह भदौरिया, ज्ञानेद्र कुमार, संध्या, रवींद्र सिंह, रामप्रकाश, दिनेश कुमार, विमलेश यादव, सर्वेश कुमारी, रजनेश कुमारी, शशि, मनोरमा यादव, सीमा यादव को ज्वाइन कराया जाएगा।