प्रयागराज : आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री लगाकर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर नौकरी पाने वाले और जांच में बर्खास्त 800 से अधिक शिक्षकों को फिर से तैनाती मिलेगी। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल ने सुप्रीम कोर्ट के 22 फरवरी के आदेश के अनुपालन में 24 फरवरी को प्रयागराज समेत 57 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर बर्खास्त शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने के आदेश दिए हैं।
राजेश कुमार चतुर्वेदी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सर्वोच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को बर्खास्त शिक्षकों को दो सप्ताह में कार्यभार ग्रहण कराते हुए अगले आदेश तक वेतन भुगतान के आदेश दिए थे। आगरा विश्वविद्यालय से सत्र 2004-05 में फर्जी अंकपत्र के आधार पर नौकरी पाने प्रदेशभर के 3365 परिषदीय शिक्षक फंसे हैं। एसआईटी जांच के आधार पर 800 से अधिक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था।
एक हजार से अधिक शिक्षकों निलंबित करते हुए वेतन रोक दिया गया था। इस मामले में एसआईटी जांच के आधार पर हाईकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच ने इन शिक्षकों को सेवा से बाहर कर दिया था। इसके बाद इन शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले साल जुलाई से इन शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है।
आगरा विवि की फर्जी डिग्री के आधार पर चयनित प्रयागराज के तीन शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था। इन्हें दोबारा कार्यभार ग्रहण कराने के आदेश मिले हैं, जिसकी प्रक्रिया गतिमान है।
प्रवीण कुमार तिवारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी