नगर के कुछ अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में जो पाठयक्रम निश्चित किया है। वे किताबें केवल चुनिंदा दुकानों पर ही मिलती हैं। जहां उनकी कीमत भी अधिक वसूल की जाती है। इसमें स्कूल संचालकों का कमीशन निश्चित रहता है। मजबूरी में अभिभावकों को उक्त दुकानों से ही किताबें खरीदनी पड़ रही हैं। इस सम्बंध में भाजपा नेताओं ने एसडीएम टूंडला से शिकायत की है।
नगर में संचालित टाइनी टोट्स स्कूल, एमएस स्कूल व क्राइस्ट दा किंग स्कूल ऐसे संस्थान हैं जो अंग्रेजी माध्यम से संचालित हैं। ये ही तीन विद्यालय क्षेत्र के प्रमुख संस्थानों में आते हैं। इसलिए इन विद्यालयों में छात्र संख्या भी अधिक है। इन विद्यालयों ने एक पोलिसी बना रखी है कि इन विद्यालयों का हर कक्षा का पाठयक्रम प्रतिवर्ष बदलता रहता है।
पहले ये विद्यालय अपने संस्थान से ही पाठयक्रम की सारी किताबें छात्रों को मुहैया कराते थे लेकिन जब सरकार ने दवाब बनाया तो इन विद्यालय संचालकों ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए एक या फिर दो दुकानें निश्चित कर रखीं हैं उन्हीं दुकानों पर ही उक्त विद्यालयों की किताबें मिलती हैं। लोगों का आरोप है कि इन दुकानों से शिक्षण संस्थानों का मोटा कमीशन भी मिलता है यही कारण है कि दुकानदार भी पाठयक्रम की सभी किताबों को ऊंची रेट पर बेचते हैं। अभिभावकों की मजबूरी होती है कि इन दुकानों से किताबें खरीदने की इसका कारण है कि उक्त विद्यालयों की किताबें अन्य किसी भी दुकान पर नहीं मिलती हैं।
एसडीएम से शिकायत करने वालों में रामतीर्थ चक, संजय सिंह परमार, लोकेश जादौन, तरूण शर्मा, सुशील सिंह आदि भाजपा नेता शामिल हैं।
एसडीएम बोले जांच कर कार्रवाई होगी
एसडीएम टूंडला पीएन सिंह ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों की किताबों की मनमानी को लेकर जांच कराई जाएगी। यदि कमीशन के चलते अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है तो मामले में कार्रवाई कराएंगे।