बुलंदशहर,बेसिक स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत अप्रैल के प्रथम सप्ताह से हो रही है, मगर बच्चों के लिए शासन से निशुल्क किताबें नहीं पहुंची हैं। नए सत्र में बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाई करनी होगी। यह भी संभव है कि बच्चों को किताबों के बिना ही कई माह बिताने पड़ सकते हैं। विभाग द्वारा बच्चों से पुरानी किताबों को लिया जा रहा है, जिससे दूसरे बच्चों को स्कूलों में पढ़ाया जा सके। अधिकांश किताबें फट भी गई हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को शासन की तरफ से निशुल्क किताबें दी जाती हैं। इसमें बेसिक के अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग के भी आठ तक के छात्रों को भी किताबें मिलती हैं। अब एक अप्रैल से नया सत्र भी शुरू हो रहा है, मगर छात्रों को निशुल्क किताबें वितरित कराने की तैयारी अभी तक शुरू नहीं की गई है। ऐसे में विद्यार्थियों को अप्रैल में पाठ्य पुस्तकों का वितरण संभव नहीं लग रहा है। वर्तमान शैक्षिक सत्र में काफी विद्यार्थियों को यूनिफार्म, जूता-मौजे, स्कूल बैग और स्वेटर की राशि अब तक नहीं मिली है। पहली कक्षा में ही एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होना है लेकिन शासन स्तर से किताबें न आने के कारण बच्चों के सामने पढ़ाई की समस्या खड़ी हो जाएगी। बताया गया कि शासन स्तर से अभी टेंडर प्रक्रिया भी नहीं हो सकी है ऐसे में किताबें आने में आधा सत्र बीत जाएगा। मई जून तक ही स्कूलों में किताबें पहुंच सकेंगी।
जिले में 2.21 लाख छात्र
जिले की बात करें तो यहां पर बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2.21 लाख से अधिक छात्र पंजीकृत हैं। इसमें माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में भी पढ़ रहे कक्षा छह से लेकर आठ तक छात्र भी शामिल हैं। शासन की तरफ से निशुल्क किताबें दी जानी हैं। कस्तूरबा स्कूलों की करीब 800 से अधिक छात्राओं को भी किताबें मिलनी हैं।
शासन स्तर से किताबों को लेकर प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाया जा रहा है। किताबें बच्चों से लेकर उन्हें दूसरे बच्चों को दिया जाएगा, जिससे स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित न हो। शासन को किताबों के लिए लिख दिया गया है।
-अखंड प्रताप सिंह, बीएसए