रामपुर, यूपी बोर्ड की परीक्षाओं ने परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बुरी तरह लड़खड़ा दिया है। शिक्षकों के परीक्षा डयूटी पर जाने की वजह से स्कूलों में तालाबंदी जैसी स्थिति पैदा हो गई है। साथ ही अब एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र को लेकर भी स्थिति गड़बड़ाने की संभावना जताई जा रही है।
यूपी बोर्ड की दसवीं और 12 वीं की परीक्षा इस वक्त आयोजित की जा रही हैं। बोर्ड परीक्षा में करीब पांच हजार से ज्यादा शिक्षक लगाए गए हैं,जिसमें चार हजार शिक्षक तो अकेले परिषदीय स्कूलों के ही हैं। परिषदीय स्कूलों के चार हजार से ज्यादा शिक्षकों की डयूटी बोर्ड परीक्षा में लगाए जाने के बाद परिषदीय स्कूलों की व्यवस्थाएं पूरी तरह गड़बड़ा गई हैं। इस दफा यूपी बोर्ड की ओर से शिक्षकों की डयूटी साफ्टवेयर के माधयम से लगाए जाने के बाद स्थिति और ज्यादा गड़बड़ाई गई हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने किसी तरह परिषदीय स्कूलों की परीक्षाएं तो जैसे-तैसे संपन्न करा लीं,लेकिन अब चुनौती बच्चों को रिजल्ट बांटने और एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र को लेकर है। एक अप्रैल से नया ्िक्षषा सत्र शुरू होना है,जिसके चलते परिषदीय स्कूलों में दिक्कत आने की संभावना है। कई स्कूल तो महज एक शिक्षक या फिर हेडमास्टर के सहारे ही हो गए हैं। परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था चरमराने से विभागीय अफसर भी चिंतिंत हैं। फिलहाल परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई है।
प्रधानाध्यापकों को भी थमा दी थी डयूटी, नहीं किया
ज्वाइन: रामपुर। परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी बोर्ड परीक्षा में लगा दिया था,जिसके चलते सभी स्कूलों के बंद होने की नौबत आ गई। मामला जब उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो जिला विद्यालय निरीक्षक और बीएसए ने संयुक्त रूप से माथापच्ची की और फिर इसके बाद परीक्षा डयूटी से प्रधानाध्यापकों को राहत दे दी गई।
बोर्ड परीक्षा में करीब 3500 शिक्षक लगे हैं,जिसके चलते दिक्कत हो रही है। हालांकि किसी तरह व्यवस्थाओं को सुधारा जा रहा है। जल्द ही स्कूलों की व्यवस्था में सुधार हो जाएगा। कल्पना सिंह बीएसए।