परिषदीय शिक्षकों को भी अनुमन्य है ग्रेच्युटी का लाभ
शिक्षकों को इसलिये ग्रेच्युटी का लाभ विभाग द्वारा नहीं दिया जाता है क्योंकि वे 62 वर्ष में सेवानिवृत्त होते हैं।
जबकि 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होने या उससे पहले ही असामयिक मृत्यु हो जाने के कारण ही राज्य कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है।
यदि विकल्प देकर परिषदीय शिक्षक 60 वर्ष में ही सेवानिवृत्ति का विकल्प ले लेता है तो 60 वर्ष पर रिटायर होने पर या उससे पहले असामयिक मृत्यु होने पर शिक्षक/उसके आश्रित को भी ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
विशेष:ध्यान दें ,शासनादेश संख्या 2491/15-5-2002-212/2001 दिनांक 10-06-2002 द्वारा सेवानिवृत्ति के 01 वर्ष पूर्व अर्थात जिस शैक्षणिक सत्र में आपकी सेवानिवृत्ति होगी,उसकी पहली जुलाई तक विकल्प परिवर्तन आप कर सकते हैं।
यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि जिन शिक्षकों ने 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति का विकल्प नही भरा है और उनकी मृत्यु सेवाकाल में 60 वर्ष से पहले हो जाती है,ऐसे शिक्षकों को विकल्प न भरने की वजह से विभाग ने ग्रेच्युटी का लाभ देने से स्पष्ट मना कर दिया है।जबकि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने अपने कई आदेशों में ऐसे शिक्षकों को जिनके आश्रित कोर्ट गए हैं ,उन्हें ग्रेच्युटी देने का सरकार को निर्देश दिया है।
(देखें आदेश- WRIT A-40568/2016)
लेकिन अभी तक ऐसे किसी भी आदेश का अनुपालन नही किया गया है।
अतः आप सभी से विनम्र निवेदन है कि 60 वर्ष में सेवानिवृत्ति का विकल्प अवश्य भरें और अपने परिवार के भविष्य को कुछ हद तक सुरक्षित अवश्य करें।
आप सभी अपने खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में यह विकल्प पत्र अवश्य भरें , इसे भरने में आपका कोई नुकसान नही है।
ग्रेच्युटी से सम्बंधित शासनादेश भी इस पोस्ट के साथ शेयर कर रहा हूँ।
आपका साथी~!~
डा०विनोद त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष – विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेश! जनपद प्रतापगढ़