फर्रुखाबाद। संवाददाता
परिषदीय विद्यालयों में फिर से खेलकूद किट का खेल शुरू हो गया है। कुछ लोग बीएसए का भय दिखाकर स्कूलों में जबरन खेलकूद किट डालकर लौट रहे हैं। इसको लेकर कोई भी अध्यापक विरोध करने का भी साहस नहीं जुटा पा रहा है। इस पूरे मामले में अभी तक जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे भी कई प्रकार के सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व में खेलकूद किट को लेकर जिस प्रकार के आरोप प्रत्यारोपों का दौर चला था इसके बाद भी किसी प्रकार भी विभाग अभी तक नहीं चेता है। परिषदीय विद्यालयों में पिछले समय ही निरीक्षण के दौरान भी खेलकूद सामग्री के मूल्यो में अंतर पाया गया था और खेलकूद किटें भी मानकों के अनुसार नहीं पायी गयी थीं। यही नहीं इस पूरे मामले में अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई थी। कमालगंज ब्लाक के ही उगरापुर, गंगाइच, भड़ौसा में खेलकूद किट मानकविहीन पायी गयी थी। खेलकूद किट का खेल कोई नया नहीं है। यह पिछले वर्षों में भी होता रहा है। खास फर्म के माध्यम से ही इसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जाती रही है। अब फिर से वही पहले की तरह दबाव अध्यापकों पर देखा जा रहा है। कुछ लोग विद्यालयों में खेलकूद किट जबरन डालकर आ रहे हैं। यही नहीं बीएसए व अन्य अधिकारियों का भी अध्यापकों को भय दिखाया जा रहा है। अध्यापकों का कहना है कि निरीक्षण के समय जब अधिकारी खेलकूद किट की जांच करते हैं तो ठीकरा उन्हीं पर फूटता है। नियमानुसार खेलकूद किट किसी खास फर्म से लेने की बाध्यता नहीं है। कोई अध्यापक कहीं से खरीदारी कर सकता है। फिर भी जो प्रेशर खेलकूद किट को लेकर अपनाया जा रहा है उससे विभागीय अफसरों की कार्यशैली पर भी तमाम प्रकार के सवाल उठ रहे हैं।