प्रत्येक ब्लॉक में दो स्पेशल एजुकेटर व एक रिसोर्स पर्सन का होगा प्रशिक्षण
- मास्टर ट्रेनर का लखनऊ में हो रहा प्रशिक्षण
संवाद न्यूज एजेंसी
पडरौना। ग्रामीण क्षेत्र में दिव्यांग बच्चों की पहचान की जाएगी। इसके के लिए जिले के प्रत्येक ब्लॉक में दो स्पेशल एजुकेटर और एक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
कुशीनगर जिले के परिषदीय विद्यालयों में करीब छह हजार दिव्यांग छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इसके अलावा अभी कई ऐसे दिव्यांग बच्चे हैं, जिन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी नहीं होने से उनका नामांकन सरकारी स्कूलों में नहीं हो पाता है। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन स्तर से ग्रामीण क्षेत्रों के दिव्यांग बच्चों की पहचना करने और उन्हें शासन की तरफ से मिलने वाली सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में दो स्पेशल एजुकेटर और एक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण किया जाएगा। इन स्पेशल एजुकेटर और रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षित करने के लिए मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण अपर परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश लखनऊ की देखरेख में चल रहा है। वहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मास्टर ट्रेनर जिले के प्रत्येक ब्लॉक के दो-दो शिक्षकों को स्पेशल एजुकेटर और एक-एक रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रशिक्षित करेंगे।
समेकित शिक्षा के जिला समन्वयक बलवंत बहादुर ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर दो स्पेशल एजुकेटर व एक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देना है। इसके लिए मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण लखनऊ में चल रहा है। यह प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के दिव्यांग बच्चों की पहचान कर आसपास के परिषदीय विद्यालय में उनका नामांकन कराकर समर्थ एप/पोर्टल पर उनका डाटा अपलोड कराएंगे, ताकि इन दिव्यांग बच्चों को मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।