UPMSP UP Board Class 10 12 Exam 2022: सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है। सहायक अध्यापक, प्रवक्ता और प्रधानाचार्य का टोटा है। यहां विद्यार्थियों का भविष्य रामभरोसे है। बोर्ड परीक्षा नजदीक है। अब तक कई स्कूलों में कोर्स भी पूरा नहीं है। ऐसे में विद्यार्थी खासे परेशान हैं, बिना कोर्स पूरा हुए बोर्ड परीक्षा कैसे देंगे।
अच्छी शिक्षा को लेकर चाहे जितने प्रयास किए जा रहे हो। लेकिन जब स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक-प्रधानाचार्य ही नहीं हैं तो ऐसे में सभी प्रयास बेकार साबित हो रहे हैं। जिले में 44 ऐसे स्कूल और कॉलेज हैं, जिनमें प्रधानाचार्य, प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों का टोटा है। शिक्षा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता चल रही है। इधर यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड के परीक्षा केंद्र निर्धारित कर दिए गए हैं। विधानसभा चुनाव के चलते फिलहाल परीक्षा की तिथि जरूर निर्धारित नहीं है 20 मार्च के बाद परीक्षा कार्यक्रम घोषित होने की संभावना है, जिससे बोर्ड परीक्षार्थियों में परीक्षा को लेकर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रहीं हैं। इन कॉलेजों में अध्ययनरत कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि प्रवक्ता और अध्यापक न होने से कोर्स तक पूरे नहीं हो पाए हैं। इधर, करीब दो सालों से कोरोना के चलते पढ़ाई प्रभावित है। ऑनलाइन पढ़ाई सिर्फ औपचारिकता रही।
यहां रिक्त है प्रधानचार्य व प्रधानाध्यापक के पद: जीआईसी पैलानी , जीआईसी कालिंजर ,जीजीआईसी अतर्रा ,जीजीआईसी बबेरू ,जीजीआईसी कमासिन ,गांधी राजकीय इंटर कॉलेज ओरन, राजकीय इंटर कॉलेज बिलगांव , राजकीय इंटर कॉलेज फतेहगंज, जीजीआईसी बिसंडा, जीजीआईसी कोरही, पंडित दीनदयाल उच्चतर राजकीय माध्यमिक इंटर कॉलेज पचनेही, जीजीआईसी करतल में प्रधानाचार्य के पद रिक्त है। इसी तरह राजकीय हाईस्कूल पखरौली, राजकीय हाईस्कूल ममसी खुर्द, राजकीय हाईस्कूल जबरापुर, राजकीय हाईस्कूल सिमोनी, राजकीय हाईस्कूल समगरा, राजकीय हाईस्कूल अमलीकौर ,राजकीय हाईस्कूल बरेहटा ,राजकीय हाईस्कूल में महुई,राजकीय हाईस्कूल अघरोरी,राजकीय हाईस्कूल चहितारा ,राजकीय हाईस्कूल मरका में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त है।
यहां नहीं एक भी प्रवक्ता: सरकारी इंटर कॉलेजों में जहां अधिकांश में पचास प्रतिशत से ज्यादा प्रवक्ता नहीं है। वहीं कई ऐसे हैं, जहां एक भी प्रवक्ता नहीं है। जीआई सी पैलानी, जीआईसी कालिंजर, जीजीआईसी बबेरू,जीजीआईसी बिसंडा, जीजीआईसी करतल में एक भी प्रवक्ता नहीं हैं। जबकि यहां दस-दस प्रवक्ता के पद स्वीकृत हैं।
क्या कहते डीआईओएस?
जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद सिंह ने कहा, ‘करीब 50 प्रतिशत शिक्षकों की जरूरत है। शिक्षकों के अभाव में परेशानी आ रही है। पिछली नियुक्ति में 102 शिक्षक आए। लेकिन अभी भी कोटा भरा नहीं है। राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। आगे भर्तियां आएं तो समस्या दूर होगी। फिलहाल तो काम चलाऊ ही व्यवस्था चल रही है।’