इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आउट सोर्सिंग सेवा संबंधी मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उनसे कहा है कि वह मामले में तीन हफ्ते में अपना हलफनामा दाखिल करें। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए आठ अप्रैल की तिथि तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
इससेपहले कोर्ट ने मामले में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अपना हलफनामा दाखिल किया। उन्होंने तर्क दिया कि नियमावली बनाना कार्मिक विभाग का काम है। स्वास्थ्य विभाग कर्मियों को श्रम विभाग के न्यूनतम वेतन के अनुसार भुगातान करता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि उसके पास उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
मुख्य सचिव कोर्ट केपूर्व के आदेशों पर अपना जवाब दाखिल करें। कोर्ट ने अपने पूर्व के आदेशों में पूछा था कि एक जैसा काम करने वाले श्रमिकों के विभिन्न जिलों में अलग-अलग पारिश्रमिक क्यों दिया जा रहा है। मामले में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव से जवाब तलब किया था।