इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवेक कुमार डायरेक्टर कृषि निदेशालय व आशुतोष मोहन अग्निहोत्री सचिव उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अवमानना के एक मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें एक माह में आदेश का पालन न करने की दशा में हाजिर होने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि यह दूसरी अवमानना याचिका है। इससे पहले भी कोर्ट ने आदेश पालन करने का समय दिया था लेकिन अनुपालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा प्रथमदृष्टया अवमानना का केस बनता है इसलिए आदेश का पालन कर एक माह में हलफनामा दाखिल करें, अन्यथा हाजिर हों।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने वर्षा सैनी वह छह अन्य की अवमानना याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी और अधिवक्ता एके मिश्र व राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र को सुनकर दिया है। इनका कहना था कि याची आयोग की भर्ती में कनिष्ठ अभियंता कृषि पद पर चयनित किए गए लेकिन उन्हें यह कहते हुए नियुक्ति से बाहर कर दिया कि महिला आरक्षण कोटे में उप्र का निवासी होना चाहिए। याची उत्तराखंड व बिहार की निवासी हैं। उनकी नियुक्ति आरक्षण कोटे में नहीं की जा सकती। इसे चुनौती दी गई। वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि अनुच्छेद 16(3) के तहत आरक्षण कानून बनाने का अधिकार संसद को है। राज्य इस संबंध में कानून नहीं बना सकते। महिला आरक्षण में प्रदेश का निवासी होने की शर्त नहीं लगाई जा सकती। याची चयनित हैं उन्हें नियुक्ति पाने का अधिकार है। निवास के आधार पर विभेद नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली और याचियों की नियुक्ति का निर्देश दिया। इस आदेश का पालन नहीं करने पर यह अवमानना याचिका की गई है।