इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती में मनमानी को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापक भर्ती में पिछड़ा वर्ग महिला कोटे में निर्धारित क्वालिटी प्वाइंट अंक से कम अंक होने के आधार पर याची को अलीगढ़ में तैनात करने से इनकार कर दिया गया तथा याची से कम अंक पाने वाली कई महिलाओं को अलीगढ़ में ही तैनाती दी गई है। याची को कासगंज आवंटित किया गया है। कोर्ट ने इसे प्रथमदृष्टया गलत करार दिया है और शिक्षा निदेशक बेसिक डॉ सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने या स्वयं हाजिर होकर सफाई देने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अंजू सिंह की याचिका पर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार भर्ती परीक्षा में सफल होने के बाद याची ने अलीगढ़ में तैनाती की अर्जी दी। बेसिक शिक्षा निदेशक ने यह कहते हुए अलीगढ़ में तैनात करने से इनकार कर दिया कि पिछड़ा वर्ग महिला कोटे का क्वालिटी प्वाइंट अंक 71.47 है और याची को 70.08 अंक ही मिले हैं। अलीगढ़ में तैनात महिला अभ्यर्थियों की सूची दाखिल की गई, जिसमें कई 70 अंक से कम पाने वाली महिलाओं को अलीगढ़ में तैनाती की गई है। इस पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक से दो सप्ताह में जवाब मांगा है और कहा कि जवाब नहीं दाखिल करने पर उपस्थित हों।