कोरोना महामारी के कारण दो साल से पहली से आठवीं तक की पढ़ाई प्रभावित रही है। अब बेसिक शिक्षा विभाग नए शिक्षण सत्र में पठन-पाठन की तैयारी में जुट गया है। महामारी के कारण सभी बच्चों तक नि:शुल्क किताबें तक नहीं पहुंच सकी थीं। अब नए सत्र में शुरूआत से ही विभाग व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने में जुट गया है।
कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर वर्ष 2018 से ही परिषदीय स्कूलों के शिक्षण सत्र की शुरूआत अप्रैल से कर दी गई है। दो साल तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा, लेकिन 2020 में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के कारण करीब 11 महीने तथा 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के कारण करीब आठ महीने शिक्षण संस्थान बंद रहे। हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और उच्च शिक्षण संस्थान खुल गए, लेकिन आठवीं तक की कक्षाएं कोरोना संक्रमण सामान्य होने पर ही खुले। तीसरी लहर में भी शिक्षण संस्थान करीब दो महीने तक बंद रहे। जिसके कारण तमाम प्रयास के बाद जिले में मौजूद 892 परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत एक लाख 83 हजार बच्चों तक नि:शुल्क किताबें उपलब्ध कराई गईं। वर्ष 2022 में शिक्षण सत्र शुरू होने से पूर्व कोरोना की स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है। अब विभाग नए सत्र के शुरूआत से स्कूलों में पठन-पाठन बेहतर करने में जुट गया है। शासन के निर्देश पर ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर बैठकें भी शुरू हो गई हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि नि:शुल्क किताबें शासन स्तर से भेजी जाती हैं। नए सत्र में पढ़ाई को लेकर एसएमसी अध्यक्षों, प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक की जा रही है। जिसमें नामांकन, शिक्षा की गुणवत्ता के अलावा अन्य व्यवस्था में अभी से सुधार को लेकर निर्देश दिए जा रहे हैं।