नई दिल्ली। भारत में सड़क दुर्घटना होने के बाद बीमा क्लेम में अक्सर देरी देखने को मिलती है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करके मोटर व्हील एक्ट में संशोधन किया है। जिससे क्लेम मिलने में आसानी हो जाएगी।
सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं के क्लेम में होने वाली देरी के चलते नियमों में बदलाव किया। नए नियम आगामी 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू हो जाएंगे।
सड़क मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के क्लेम के तत्काल निपटान के लिए विभिन्न हितधारकों के लिए समय-सीमा के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं की विस्तृत जांच, विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) और इसकी रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को अनिवार्य करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
इसके अलावा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बीमा प्रमाण-पत्र में मान्य मोबाइल नंबर को शामिल करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस 50% क्लेम: यह भी फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस ही होता है, लेकिन इसमें टर्म एंड कंडीशंस होती हैं। जिसके तहत आपकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने पर नुकसान की 50 प्रतिशत भरपाई बीमा कंपनी करती है और 50 प्रतिशत भरपाई वाहन स्वामी को करनी होती है। बता दें अनिवार्य बीमा, गाड़ी के मालिक और ड्राइवर के लिए है। Comprehensive Insurance लेने पर रोड एक्सीडेंट कवर को 15 लाख रुपये से अधिक बढ़ाया जा सकता है, जबकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में अनिवार्य दुर्घटना बीमा 15 लाख तक ही मिलता है।
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस: फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस जीरो डेप्थ के साथ करवाया जा सकता है। जिसमें सारी चीज़ें कवर होती हैं। जैसे आपकी गाड़ी की टूट-फूट आपकी शारीरिक क्षति, सामने वाले जिससे आपकी गाड़ी टकराई है उसकी गाड़ी की टूट-फूट से लेकर उसकी इंजरी तक सारी चीज़ें इस इंश्योरेंस पॉलिसी में आपको कंपनी की तरफ से मिलती हैं। यहां तक कि इस इंश्योरेंस के तहत गाड़ी चोरी हो जाने पर या बुरी तरह डैमेज हो जाने पर भी आपको कंपनी से क्लेम मिल जाता है। जीरो डेप्थ वाले इंश्योरेंस में आप साल में दो बार क्लेम ले सकते हैं। बता दें कि नए नियमों के मुताबिक बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर 2 हजार रुपये का जुर्माना या 3 महीने की जेल या दोनों साथ-साथ हो सकते हैं।