प्रयागराज : नगर निगम के एक वरिष्ठ लिपिक को मृतक कर्मचारी के परिवार को बकाया भुगतान करने में मनमानी करना भारी पड़ गया। उसे निलंबित कर दिया गया है। चार वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद इस लिपिक ने दो लाख रुपये से अधिक का भुगतान किसी न किसी कारण से रोक रखा था। इस एक्शन के साथ ही निगम के बाकी उदासीन कर्मचारियों को भी चेतावनी दे दी गई है।
मामला पहुंचा कोर्ट तो वरिष्ठ लिपिक पर हुई कार्रवाई, मामले की होगी जांच
मृतक कर्मचारी के परिवार के लोग निराश और हताश होकर कोर्ट की शरण में चले गए थे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम प्रशासन की ओर से बुधवार को वरिष्ठ लिपिक विमल तिवारी को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही बुधवार को मामले की जांच के लिए अपर नगर आयुक्त अकील अहमद सिद्दीकी को जांच अधिकारी बना दिया गया। सफाई नायक रहे नंदराम की मृत्यु 2017 में हो गई। मृतक कर्मचारी के परिजनों को विभाग की ओर से वेतन से कटौती की गई धनराशि मिलती है। कुछ धनराशि मृतक कर्मचारी के परिजनों को मिली।
चार वर्ष बाद भी मृतक आश्रित कर्मचारी को नहीं कर रहा था भुगतान
दो लाख रुपये से अधिक की धनराशि चार वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कर्मचारी की पत्नी हेमलता को नहीं जारी किया। अधिकारियों से भी शिकायत की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। हेमलता लेखाकार विभाग के वरिष्ठ लिपिक विमल तिवारी के खिलाफ याचिका दायर किया। मामला बढ़ता गया और सीएफओ ने मनमानी करने वाले कर्मचारी को निलंबित कर दिया।