पीसीएस की नौकरी छोड़ क्यों बनना चाहते हैं प्रिंसिपल
प्रयागराज, संवाददाता। आठ साल बाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से प्रधानाचार्य भर्ती के लिए साक्षात्कार सोमवार से शुरू हुआ। पहले दिन पांच बोर्ड ने तकरीबन सात सौ अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया। हमीरपुर के एक पीसीएस अधिकारी भी प्रधानाचार्य भर्ती का इंटरव्यू देने पहुंचे। उनसे बोर्ड के एक सदस्य ने सवाल किया कि आप पीसीएस की नौकरी छोड़कर प्रधानाचार्य क्यों बनना चाहते हैं। उन्होंने जवाब दिया कि पढ़ने-पढ़ाने का शौक है इसलिए इस क्षेत्र में आना चाहते हैं।
वहीं, कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद पर तैनात एक अभ्यर्थी से बोर्ड ने पूछा कि प्रधानाचार्य बनने के बाद आपने क्या कार्य किए हैं। उन्होंने विद्यालय में इनोवेशन से जुड़े अपने कुछ काम गिनाए। अभ्यर्थियों ने बताया कि एक अभ्यर्थी का इंटरव्यू तकरीबन पांच मिनट तक चला। बोर्ड की ओर से अधिकांश सवाल विषय से जुड़े पूछे गए।
कई अभ्यर्थियों के मार्च में सेवानिवृत्त होने की चर्चा: सोमवार से शुरू प्रधानाचार्य भर्ती के इंटरव्यू में शामिल होने वाले अधिकांश अभ्यर्थी एक दूसरे को पहले से जानते रहे। इसलिए इंटरव्यू से निकलने के बाद आपस में चर्चा कर रहे थे कि कई अभ्यर्थी तो इसी वर्ष मार्च में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
632 पदों पर 3824 दावेदार: 632 पदों के लिए 3824 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। प्रत्येक स्कूल के लिए मेरिट क्रम में पांच आवेदक और संबंधित स्कूल के दो शिक्षकों के हिसाब से 4424 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल होना चाहिए। लेकिन 632 पदों के सापेक्ष स्कूलों से 1264 वरिष्ठतम शिक्षकों की सूची नहीं मिल सकी