प्रतापगढ़। बच्चों को पका पकाया भोजन मुहैया कराने की जिम्मेदारी निभाने वाले 8,126 रसोइयों के लिए खुशखबरी है। अब उनके खाते में हर माह मानदेय की रकम पहुंचेगी। विभाग ने अब पीएफएमएस प्रणाली से मानदेय भुगतान करने का निर्णय लिया है। अभी तक रसोइयों को छह-छह माह पर मानदेय मिलता था।
जिले के प्राइमरी सहायता और सरकारी स्कूलों के बच्चों को पका-पकाया भोजन मुहैया कराने वाले रसोइयों को अब मानदेय के लिए हेडमास्टरों पर निर्भर नहीं रहना होगा। जिले के 17 विकास खंडों के 2364 स्कूलों में 8,126 रसोइयां तैनात हैं। इन रसोइयों को प्रति माह डेढ़-डेढ़ हजार रुपये मानदेय मिलता है शिक्षासत्र के दस माह का मानदेय छह माह बाद ही मिलता था।
इसकी वजह यह थी कि मध्याह्न भोजन प्राधिकरण से बजट ही नहीं आता था। शासन ने रसोइयों को नियमित रूप से मानदेय भुगतान करने के लिए पीएफएमएस प्रणाली लागू
कर दी है। अब हर माह की पहली तारीख को रसोइयों के खाते में मानदेय की राशि पहुंच जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग में रसोइयों का खाता नंबर और आईएफएससी कोड फीड करने के लिए अभियान चलाया गया है। अधिकांश रसोइयों का खाता नंबर ज्वाइंट होने के कारण ऑनलाइन नहीं दिख रहा है। जबकि शासन ने सभी रसोइयों का डाटा अविलंब ऑनलाइन करने के लिए कहा है। अप्रैल माह से पीएफएमएस प्रणाली लागू हो रही।