लखनऊ। कोरोना के घटते मामलों के बीच रेलवे ने यात्रियों को राहत देते हुए अनारक्षित श्रेणी में यात्रा की पुरानी व्यवस्था फिर बहाल करने का फैसला लिया है। कोरोना संकट की वजह से रेलवे ट्रेनों में भीड़ को रोकने के लिए पूरी तरह से आरक्षित विशेष ट्रेनें चला रहा था ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। यहां तक कि सामान्य द्वितीय श्रेणी के डिब्बों, जिनका इस्तेमाल ज्यादातर कम दूरी की यात्रा के लिए या गरीब लोग करते हैं को भी आरक्षित कोच बना दिया गया था।
कोरोना संक्रमण के बाद 22 मार्च, 2020 से सभी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया था। लंबे समय तक एक्सप्रेस ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन के रूप में चलाया गया। अक्टूबर, 2021 से एक्सप्रेस ट्रेनों को सामान्य ट्रेनों की तरह चलाया जा रहा है। अभी भी ट्रेनों में आरक्षित व जनरल बोगी में कंफर्म आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को चलने की अनुमति है, वेटिंग वाले यात्रियों के चलने पर रोक है। एक्सप्रेस ट्रेनों में मासिक टिकट वाले यात्रियों को सफर करने पर अभी भी प्रतिबंध लगा रखा है। अभी रियायती टिकट नहीं दिया जा रहा है। अभी तक कुछ ही पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल ट्रेनों की तरह चलाया जा रहा है। कोरोना का असर खत्म सा हो गया है, सरकार ने स्कूल कालेज को खोल दिए हैं।
एक परिपत्र में कहा गया है कि नियमित ट्रेन नंबरों के साथ पहले से ही बहाल की गई ट्रेनों में अब आरक्षित और अनारक्षित श्रेणी के डिब्बे होंगे। इसके अलावा, वर्तमान में विशेष ट्रेनों के रूप में चल रही ट्रेनों के द्वितीय श्रेणी को भी नीति के अनुसार आरक्षित या अनारक्षित किया जाएगा। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि नियमित ट्रेनों में सामान्य डिब्बों को आरक्षित या अनारक्षित के रूप में चिह्नित किया जाएगा। जिन ट्रेनों में एडवांस में टिकट बुक हो चुकी हैं, उनमें अग्रिम आरक्षण की अवधि समाप्त होने के बाद सामान्य स्थिति बहाल होगी।
ले सकते है रियायत देने का फैसला : रेलवे बोर्ड निदेशक (वाणिज्य) विपुल सिंघला ने 28 फरवरी को पत्र जारी कर कहा कि देश से सभी जोनल रेलवे कोरोना से पहले की स्थिति में ट्रेनों का संचालन कर सकते हैं। जनरल बोगी में आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त कर सकते हैं। दूसरे जोन की ट्रेनों यानी लंबी दूरी के ट्रेनों के जनरल बोगी में पहले की तरह जनरल टिकट पर यात्रा करने की अनुमति दे सकते हैं। एक्सप्रेस ट्रेनों में भी मासिक टिकट वालों के सफर करने, अन्य रियायत देने जैसा फैसला ले सकते हैं। बंद सभी पैसेंजर ट्रेनों को चलाने का आदेश जारी कर सकते है और पैसेंजर ट्रेन से स्पेशल ट्रेन का नाम हटा सकते हैं।