नई दिल्ली। कोविड-19 के चलते छात्रों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन के लिए अभिभावकों से सहमति पत्र लेना जरूरी है।
इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की हैप्पीनेस शाखा की ओर से परिपत्र जारी किया गया है। शिक्षा विभाग योजना विभाग के साथ मिलकर कोविड के संबंध में यह अध्ययन कर रहा है, जिसका हिस्सा शिक्षक और अभिभावक भी होंगे।
नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। द्वारका स्थित एक निजी स्कूल के खिलाफ गुरुवार को अभिभावकों ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन स्कूल के छात्रों का वार्षिक परिणाम रोके जाने के विरोध में था। इस दौरान अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल के अनुसार बढ़ी हुई फीस का भुगतान न करने पर बच्चों का परिणाम रोका गया है।
अभिभावक प्रवीण ने बताया कि उन्होंने सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार स्कूल फीस का भुगतान कर दिया है। लेकिन स्कूल नियमों का उल्लंघन कर बकाया फीस की मांग कर रहा है।
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बताया कि स्कूल को ट्यूशन फीस के अलावा वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क शर्तों के तहत लेने की इजाजत है। लेकिन स्कूल शर्तों का पालन नहीं कर रहा है, जिसे लेकर अभिभावक विरोध दर्ज करा रहे हैं।
इस कारण स्कूल ने बच्चों का वार्षिक परिणाम तक रोक लिया है। बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी दे जा रही है, लेकिन संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।