लखनऊ: परिषदीय विद्यालयों की कक्षा एक से आठ तक की वार्षिक परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो रही हैं। हालांकि, स्कूलों को अभी तक प्रश्नपत्र नहीं मिल सके हैं। इससे शिक्षक असमंजस में हैं। कोरोना के चलते दो साल बाद ये परीक्षाएं हो रही हैं, बावजूद इसके विभाग व्यवस्थाएं कराने में नाकाम साबित हो रहा है।
पहले दिन एक से पांच तक के छात्रों की केवल मौखिक परीक्षा होगी। हालांकि, छह से आठ तक के छात्रों की लिखित परीक्षा होगी। इसके बावजूद विभाग किसी भी कक्षा के प्रश्नपत्र मुहैया नहीं करा पाया है। ऐसा तब है जब बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने हर हाल में 21 मार्च तक प्रश्नपत्र मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। यदि समय पर प्रश्नपत्र नहीं मिले तो शिक्षकों को ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा करानी पड़ सकती है।
दो स्कीमों से असमंजस
शिक्षकों में दो परीक्षा कार्यक्रम को लेकर असमंजस है। पहले बीएसए विजय प्रताप सिंह ने परीक्षा कार्यक्रम जारी किया था, फिर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने परीक्षा कार्यक्रम जारी किया, जो अलग था। पहले वाले कार्यक्रम में पहले दिन मौखिक परीक्षा का जिक्र नहीं था, जबकि दूसरे में इसे शामिल किया गया था। कुछ विषयों की तिथियों में भी बदलाव था। विभाग ने बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार चलने का निर्देश दिया है। उधर, शिक्षकों को निर्देश मिले हैं कि अगली कक्षा में जाने वाले बच्चों से पूर्व कक्षा की किताबें जमा करा ली जाएं। इससे जो बच्चे प्रमोट होंगे, उन्हें एक अप्रैल से ये किताबें दी जा सकें।