प्रयागराज। प्रशासन की लचर व्यवस्था और जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के चलते खतरनाक मांझा लगातार लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है। अब इस मांझे की चपेट में आने से शिक्षिका निशा पांडेय का गला जख्मी हो गया बस गनीमत यह रही कि उनकी जान बच गई। उनका परिवार इस घटना से दहल गया क्योंकि चाइनीज मंझा कई लोगों की जान ले चुका है। पुलिस-प्रशासन इसकी बिक्री पर रोक लगाने में नाकाम रहा है।
यमुना बैंक रोड पर बोट क्लब के पास हुआ ये वाकया
अलोपीबाग़ निवासिनी निशा पांडेय रविवार को स्कूटी पर बोट क्लब मार्ग से होकर कल्याणी देवी मोहल्ले में अपनी एक परिचित के घर जा रही थीं। वह स्कूटी चला रही थीं। पीछे उनकी पुत्री कंजिका बैठी थी। बोट क्लब के पास पंतग का मांझा उनकी गर्दन में फंस गया। जब तक में वह स्कूटी रोकतीं, उनका गला जख़्मी हो गया। खून बहता देख बेटी परेशान हो गई। कंजिका ने दुपट्टे से मां के गले से बह रहे खून को रोकने का प्रयास किया लेकिन रक्तस्राव होता रहा। कंजिका अपनी मां को तत्काल गऊघाट, मुट्ठीगंज स्थित ले गई जहा उन्हें 12 टांके लगाये गये।
निशा पांडेय भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पत्नी हैं। वह थरवई स्थित स्वामी विवेकानन्द हायर सेकण्डरी स्कूल मे शारीरिक शिक्षिका हैं। घटना के समय उनके पति हिन्दी साहित्य सम्मेलन के वार्षिक अधिवेशन में थे। इससे पहले भी चाइनीज मांझा की चपेट में आने से महिला रेलवे कर्मचारी और एक युवक समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि घायल तो अनगिनत लोग हो चुके हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन प्रतिबंधित मांझा की बिक्री और प्रयोग पर रोक नही लगा पा रहा है।
इस घटना के बाद निशा की बेटी कंजिका ने मांग की है कि आरोपित पतंगबाज़ को पकड़कर उससे या फिर उनके मां-बाप से पांच हज़ार रुपये का आर्थिक दंड लेते हुए कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाए। उधर, थानाध्यक्ष कीडगंज मनोज यादव का कहना है घटना के बारे में किसी ने शिकायत नही की है।