सोनभद्र के घोरावल में बने मतगणना केंद्र परिसर में मतपेटी और मतपत्र लदी गाड़ी मिलने के मामले में एसडीएम पर कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन ने एसडीएम को हटा दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सोनभद्र के मामले को इसे उठाया और बड़ा मामला बताया था।
राबर्ट्सगंज के राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में बने स्ट्रांग रूम तक मंगलवार दोपहर में जा रहे एसडीएम लिखे वाहन में बैलेट पेपर मिलने पर सपा कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराया था। सपा-बसपा प्रत्याशी और उनके कार्यकर्ताओं ने स्ट्रांग रूम सीज होने के बाद बैलेट पेपर अंदर होने पर मतगणना में निष्पक्षता होने में संदेह जताया। उन्होंने हंगामा किया था।
सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि मतगणना स्थल के बाहर वे निगरानी में बैठे हुए थे। इस दौरान दो वाहन आये। मतगणना स्थल से कुछ पहले दोनों वाहन चालक चाय पीने के लिए रुके तो उन्होंने देखा कि सूमो में बड़े-बड़े बोरे रखे हुए हैं। शक होने पर उन्होंने बोरे को खोला तो अंदर बॉक्स था।
उस पर बैलेट पेपर लिखा देख उन्होंने दोनों वाहनों को रोक लिया। वरिष्ठ पदाधिकारियों को सूचना दी। कुछ ही देर सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव, प्रत्याशी अविनाश कुशवाहा और रमेश दुबे सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी वहां पहुंच गए। उन्होंने मतणगना की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर हंगामा शुरू कर दिया। बसपा प्रत्याशी व कार्यकर्ता भी वहां जुट गए।
सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि जब स्ट्रांग रूम सील हो गया। परिसर में किसी की भी आवाजाही पर रोक है तो अब बैलेट पेपर कैसे और कहां से आया। इससे तो मतगणना की निष्पक्षता संदिग्ध है। घोरावल के एडीएम रमेश कुमार से उन्होंने मांग की कि स्ट्रांग रूम की निगरानी की पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुमति दी जाए।
एसडीएम ने उन्हें समझाया कि ईवीएम में जो पेपर और चुनाव की स्टेशनरी बची थी उसे ही ले जाया जा रहा है। निगरानी की अनुमति पर जिला निर्वाचन अधिकारी फैसला करेंगे। इसके बाद प्रत्याशियों को स्ट्रांग रूम की सुरक्षा दिखाई गई। इसके बाद मामला शांत हुआ।