मेरठ, । चयन आयोग से हिंदी प्रवक्ता पद पर चयनित होने के बाद भी स्कूल में शिक्षिका को कार्यभार ग्रहण न कराने व तीन महीने का वेतन दान करने का दबाव बनाने के मामले में मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना पड़ा। मंडलायुक्त के निर्देश पर आनन-फानन में स्कूल प्रबंधन ने शिक्षिका को कार्यभार ग्रहण कराया। इससे यह भी साबित हुआ कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आधी आबादी के मुद्दों पर कितने संवेदनशील हैं। वहीं, लालकुर्ती थाना में देर रात आइपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली) के तहत इंटर कालेज प्रबंधक, प्रधानाचार्य व लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामला भागीरथ आर्य कन्या इंटर कालेज, लालकुर्ती का है। बुलंदशहर के भड़कऊ गांव निवासी संगीता सोलंकी का चयन स्कूल में हिंदी प्रवक्ता के तौर पर हुआ है। शिक्षिका ने आरोप लगाया कि कालेज पहुंचने पर प्रबंधन ने उनसे तीन महीने का वेतन स्कूल में दान करने के बाद ही नियुक्ति मिलने की बात कही। इसकी शिकायत उन्होंने फोन पर मुख्यमंत्री कार्यालय से की। महिलाओं से जुड़े मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए सीएम कार्यालय ने मंडलायुक्त को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। मंडलायुक्त के हस्तक्षेप पर स्कूल प्रबंधन ने मंगलवार को संगीता सोलंकी को कार्यभार ग्रहण कराया। संगीता ने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मंडलायुक्त का आभार प्रकट किया।
संगीता सोलंकी ने बताया कि पहले वह कालेज में एक नवंबर के बाद गई थीं। उस समय न्यायालय से स्थगन का आदेश दिए जाने की सूचना मिली। 26 फरवरी को संशोधित आदेश के बाद वह 16 मार्च को दोबारा कालेज गईं तो उनसे कार्यभार ग्रहण कराने के एवज में तीन महीने का वेतन कालेज को दान देने को कहा गया। आरोपों पर इंटर कालेज की प्रधानाचार्य लता सागर का कहना है कि संगीता सोलंकी को कार्यभार ग्रहण कराने संबंधी पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से आया था। वह पत्र स्कूल की प्रबंध समिति को भेजा गया है जिस पर पांच अप्रैल को बैठक में नियुक्ति देने की तैयारी थी। शिक्षिका से रुपये की कोई बात उनकी ओर से नहीं कही गई है। स्कूल के प्रबंधक डा. प्रमोद शर्मा का कहना है कि यह शिक्षण संस्थान आर्य समाज का है इसलिए पूर्व में भी शिक्षक स्वेच्छा से विकास कार्यों के लिए दान देते रहे हैं। शिक्षिका संगीता सोलंकी को भी स्वेच्छा से ही दान देने को कहा गया था। उनकी नियुक्ति का निर्णय पांच अप्रैल की बैठक में होना था, लेकिन मंडलायुक्त के निर्देश पर मंगलवार को ही नियुक्ति दे दी गई। आचार संहिता की वजह से बैठक बुलाने में देरी हुई थी।
जिविनि द्वितीय ने नहीं उठाया फोन
सभी माध्यमिक बालिका विद्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय सर्वेश कुमार के अंतर्गत आते हैं। इस प्रकरण पर उनसे जानकारी के लिए फोन करने पर पहले उन्होंने फोन नहीं उठाया और बाद में फोन स्विच आफ कर दिया।
भ्रष्टाचार का भी मामला होगा दर्ज
संगीता सोलंकी प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं भी बढ़ाई जाएंगी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि संगीता ने शिकायती पत्र कमिश्नर को दिया था, जो बाद में उन तक पहुंचा। शिकायत के आधार पर फिलहाल लालकुर्ती थाने में आइपीसी की धारा 384 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अभी इसमें भ्रष्टाचार संबंधी धाराएं भी बढ़ेंगी। धारा 384 के तहत तीन वर्ष तक का कारावास, जुर्माना या दोनों की सजा का प्रविधान है।
महिला मुद्दों पर बेहद संवेदनशील हैं सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला मुद्दों पर कितने संवेदनशील हैं, इसका नायाब उदाहरण हैं संगीता सोलंकी। सीएम के निर्देश पर संगीता को नियुक्ति मिली साथ ही पैसे मांगने वालों पर मुकदमा भी दर्ज हुआ। इस मामले से साफ है कि प्रदेश सरकार महिलाओं की समस्याओं के निदान के प्रति कितनी गंभीर है। मुख्यमंत्री ने योगी सरकार 2.0 के गठन के बाद आयोजित हुई बैठक में भी प्रदेश की महिलाओं और बेटियों के सशक्तीकरण और उनके कल्याण से जुड़ी बातों पर जोर दिया था। सरकार गठन के बाद प्रदेश के मुखिया ने भ्रष्टाचार के खात्मे को लेकर चेताया था और आज इसका उदाहरण भी देखने को मिला।