जालौन:- रामपुरा : अध्यापकों की मनमानी से नौनिहालों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ब्लाक क्षेत्र के विद्यालय में कहीं बच्चे झाड़ू लगाते हैं तो कहीं पर अध्यापक ही नहीं जाते हैं।ऐसे में बच्चों को अच्छी शिक्षा की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
अभिभावकों के बाद शिक्षक ही बच्चों के गुरु होते हैं। वह विद्यालयों में बच्चों को अच्छी शिक्षा Shiksha देने से साथ ही उन्हें संस्कारवान भी बनाते हैं, लेकिन जब गुरु ही अपने कर्तव्य से इतिश्री करने लगेगा तो बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा ही प्रभावित हो जाएगी। यही हाल है ब्लाक क्षेत्र के विद्यालयों का जहां पर कई जगह विद्यालय खोलने के बाद बच्चे स्वयं झाड़ू लगाते हैं उसके बाद अध्यापक विद्यालय नहीं पहुंचते हैं, जिससे बच्चे खेलते हुए समय काटते हैं और घर चले जाते हैं। अध्यापकों की लापरवाही के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जबकि प्रशिक्षण में अध्यापकों को बताया जाता है कि खेल-खेल में बच्चों को विषय विशेष की जानकारी दें जिससे बच्चों का ज्ञान बढ़ सके। ब्लाक क्षेत्र के ग्राम कुसेपुरा के प्राथमिक विद्यालय में जब जागरण की टीम पहुंची तो प्रधानाध्यापक नदारद थे और सिर्फ 10 बच्चों को शिक्षामित्र पढ़ा रहे थे। जैसे ही उन्हें पता चला की टीम आई तो वह फोन पर धमकाने का काम करने लगे और कहा कि वह इस विद्यालय को न देखें। जिसकी शिकायत बीईओ BIO से की गई है। केस एक :
ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत जाजेपुरा के प्राथमिक विद्यालय to में विद्यालय vidyalaya खोलने की जिम्मेदारी यहां पढ़ने वाले बच्चों की है। गुरुवार को विद्यालय vidyalaya में पढ़ने वाले बच्चों ने विद्यालय prathmik vidyalaya खोला इसके बाद स्वयं झाड़ू लगाते नजर आए जबकि प्रधानाध्यापक विकास शर्मा विद्यालय से नदारद रहे। केस दो :
प्राथमिक विद्यालय कुसेपुरा के प्रधानाध्यापक प्रिस कुमार मिश्रा विद्यालय से नदारद थे। विद्यालय में छात्रों की कुल पंजीकृत संख्या 86 है और गुरुवार को सिर्फ 10 बच्चे ही शिक्षा ग्रहण करने आए थे जिन्हें शिक्षामित्र भीमराव पढ़ा रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानाध्यापक विद्यालय कभी कभार आते हैं