, लोनी : क्षेत्र के बाग राणप गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी है। विद्यालय में कक्षा छह से आठ के छह सौ से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक समेत तीन शिक्षक हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होना मुश्किल हो रहा है।
कोरोना महामारी में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र-छात्रा संसाधनों के अभाव में शिक्षा से वंचित रहे। स्कूल खुलने के बाद बच्चों की शिक्षा को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षा गुणवत्ता में सुधार करना मुश्किल है। ऐसी ही स्थिति कंपोजिट विद्यालय बाग राणप की है। विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक करीब 16 सौ से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन हैं। इनमें छह से आठ तक करीब छह सौ से अधिक छात्र-छात्रा हैं। जिन्हें पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक इमराना सिद्दीकी समेत दो शिक्षक व एक अनुदेशक हैं। सुविधाओं का अभाव विद्यालय में आरओ व वाटर कूलर न होने से बच्चे को भीषण गर्मी में शुद्ध पानी भी उपलब्ध नहीं है। पीने के पानी के नाम पर विद्यालय में सबमर्सिबल व दो सरकारी नल है, जिससे बच्चे भूमिगत पानी पीने को विवश है। स्कूल में स्थाई सफाई कर्मी की नियुक्ति नहीं है। निजी सफाई कर्मी सुबह के समय सफाई कर चली जाती है, ऐसे में शिक्षक व विद्यार्थियों को खुद ही सफाई का ध्यान भी रखना पड़ता है। कमरों व बैंच का अभाव
प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में प्राइमरी के लिए करीब 12 कमरे व जूनियर विद्यार्थियों के लिए छह कमरे है। पिछले शिक्षा सत्र में करीब 18 सौ से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। इस वर्ष शिक्षा सत्र शुरू होने पर करीब 16 सौ अधिक बच्चे हैं और नए शिक्षा सत्र में दाखिला प्रक्रिया चल रही है। बच्चों की संख्या में वृद्धि होने पर कमरे, बैंच व शिक्षक की कमी से जूझना पड़ेगा। शिक्षकों की तैनाती शासन स्तर से की जाती है। विद्यालय में बच्चों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। स्थानांतरण पर रोक के चलते शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। विद्यालय में अन्य सुविधाओं की आपूर्ति के लिए अधिकारियों को बताया गया है। उम्मीद है कि समस्या पर जल्द ध्यान दिया जाएगा। – बृजभूषण चौधरी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी