प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। उन्हें बच्चों का आधार कार्ड पोर्टल से वेरीफाइ करने की जिम्मेदारी दी गई है। चूंकि जो आधार कार्ड बने हैं वह विद्यालय रजिस्टर से मिलान कर नहीं बनवाए गए हैं, ऐसे में डाटा मैच नहीं हो रहे। कहीं नाम की स्पेलिंग में अंतर है तो कहीं जन्मतिथि गलत है।
इसकी वजह से डीबीटी का काम भी प्रभावित हो रहा है। अभिभावकों के बैंक खातों में जाने वाली राशि भी नहीं पहुंच पा रही है। शिक्षक नेता ब्रजेंद्र सिंह का कहना है कि पूर्व में विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनवाने के लिए स्कूलों में कैंप लगने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अभिभावकों ने स्वयं आधार कार्ड बनवाया और विद्यालय के डाटा से उसका मिलान भी नहीं कराया गया। यदि स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को अधिकार दिया जाए कि पोर्टल के डाटा के अनुसार रजिस्टर का विवरण बदला जाए या फिर आधार कार्ड में संशोधन अभिभावक स्वयं कराएं।