गोंडा बेसिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक राहत भरी खबर है। चिकित्सीय अवकाश पर विभाग वेतन नहीं रोक सकेगा समय से छुट्टयां स्वीकृत भी करनी होगी। लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी। अभी तक छुट्टियों के स्वीकृति में देरी तो होती थी उल्टे रुके वेतन के लिए अफसरों के यहां चक्कर काटना पड़ता था। अधिकतर मेडिकल लौव पर हो होता था शिक्षकों को कोई बीमारी हो तो उन्हें अवकाश लेना भारी पड़ जाता था। उसी दिन से वेतन रुक जाता था। पूरे इलाज के समय वेतन न मिलने से उन्हें आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ता था। स्वस्थ होने पर दोबारा स्कूल में ज्वाइनिंग के बाद चिकित्सीय अवकाश की स्वीकृति होने पर अवशेष वेतन का भुगतान होता था।
विभाग की ओर से लिए निर्णय में अब बेसिक शिक्षकों व विभाग के कर्मचारियों को चिकित्सकीय अवकाश के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा महानिदेशक, स्कूली शिक्षा व राज्य परियोजना निदेशक की ओर से बीएसए को पत्र जारी कर इस अवकाश के संबंध में तत्काल निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। शासन ने विभागीय अधिकारियों के सुस्त रवैये को खेद जनक बताया है। चिकित्सीय अवकाश पर वेतन न रोकने का आदेश दिया है। निर्देश देते हुए कहा है कि मानव संपदा पोर्टल पर चिकित्सा अवकाश का आवेदन व चिकित्सकीय परामर्श पत्र प्राप्त होते स्वीकृत व अस्वीकृत का निर्णय लिया जाए। इस कार्य में देरी होने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। बेसिक शिक्षकों का कहना है कि अवकाश प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर जानकारी देने पड़ती है। ज्यादातर अवकाश पर कई दिन बाद निर्णय बताया जाता है। इलाज के दौरान वेतन रुक जाने से दिक्कत होती थी।