लखनऊ। राज्य सूचना आयोग में एक रोचक मामला सामने आया है। बीएसए कार्यालय गोंडा के खिलाफ सूचना न देने की शिकायत लेकर एक शिक्षक ने अपील की तो आयोग ने दोनों पक्षों को तलब किया। इसके बाद एक साल से सूचना नहीं दे रहे विभागीय अधिकारियों ने आनन-फानन में उसकी सूचना दे दी। यही नहीं, उन्होंने वादी शिक्षक को ही विभाग का पक्षकार यानी प्रतिवादी बनाकर आयोग भी भेज दिया।
मामला प्राथमिक विद्यालय केशवपुर तरबगंज गोंडा के सहायक अध्यापक राजीव बघेल का है। शिक्षक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपने विद्यालय में एक महिला द्वारा हंगामा करके कानूनी कार्यवाही की धमकी देने की शिकायत की थी। साथ ही मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया था। मामले में काफी दिन तक कार्रवाई न होने पर आवेदक राजीव बघेल ने बीएसए कार्यालय से सूचना अधिकार के तहत पांच बिंदुओं पर सूचना मांगी। इसमें पूछा कि अगस्त 2019 में उसके द्वारा दिए गए शिकायती पत्र व उस पर की गई कार्रवाई की प्रमाणित प्रति दे दें। अगस्त 2021 तक सूचना न मिलने पर आवेदक ने दिया।
सितंबर 2021 में प्रथम अपील की। इसके बाद भी जवाब न मिलने पर आवेदक ने आयोग में अपील की।
इस पर आयोग में राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने बीती 18 अप्रैल को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय गोंडा के जन सूचना अधिकारी व प्रथम अपीलीय अधिकारी से जवाब तलब किया । इसके बाद 2019 से सूचना न देने वाले विभाग ने सुनवाई से पहले 13 अप्रैल 2022 को आवेदक राजीव बघेल को उसके द्वारा मांगी गई सूचना दे दी। यही नहीं, खंड शिक्षा अधिकारी ने शिकायतकर्ता राजीव बघेल को ही विभाग का पक्ष रखने के लिए आयोग में उपस्थित होने व मामले को निस्तारित करने का निर्देश दिया।