लखनऊ। सरकारी विभागों और उनसे जुड़ी संस्थाओं में आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्ती में अब गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। भर्ती में वसूली करने वाली सेवा प्रदाता कंपनियों पर शिकंजा कसा जाएगा। अब यह भर्तियां सेवा प्रदाता की मर्जी से नहीं बल्कि सेवायोजना विभाग के पोर्टल के जरिए कंप्यूटर द्वारा रैंडम आधार पर की जाएंगी।
भर्ती के नाम पर सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा वसूली की शिकायतें अक्सर शासन-प्रशासन तक पहुंचती रही हैं। केंद्र सरकार ने इस गड़बड़ी को रोकने के लिए गवर्नमेंट ई मार्केट प्लस जेम पोर्टल तैयार कराया था। इसके तहत सेवा प्रदाताओं को सेवायोजन विभाग द्वारा संचालित पोर्टल पर वरिष्ठता अथवा कंप्यूटर द्वारा रैंडम आधार पर कार्मिक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई। इसे प्रदेश में भी लागू करने के आदेश किए गए थे, मगर शिकायतें फिर भी नहीं रुकीं।
हाल में सरकार ने इसमें फिर बदलाव किया है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति डा. देवेश चतुर्वेदी द्वारा सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव, सभी विभागाध्यक्ष और समस्त आयुक्त और जिलाधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किया है। सेवा प्रदाता कंपनियां अब किसी व्यक्ति की वरिष्ठता दर्शाकर भी मनमानी नहीं कर सकेंगी।
सेवायोजन विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध कार्मिकों में से केवल कंप्यूटर द्वारा रैंडम आधार पर ही कार्मिक लिए जाएंगे। इससे अभ्यर्थियों को अंतिम समय तक आवेदन के अवसर मिलने के साथ ही चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी।