यूपी बोर्ड की परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन तेजी से पूरा करने के लिए शिक्षकों के दो साल के अनुभव की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। पहले दो साल से कम अनुभव वाले शिक्षकों को कॉपियां जांचने को नहीं दी जाती थीं। अबकी पहली बार नवनियुक्त शिक्षकों की ड्यूटी भी उत्तरपुस्तिका जांचने में लगाई गई है।
शनिवार को प्रदेश के 271 केंद्रों पर मूल्यांकन शुरू होने के साथ ही ऐसे शिक्षकों को भी लगाया गया है। बड़ी संख्या सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) 2021 में चयनित शिक्षकों को बोर्ड की कॉपियां जांचने को दी गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने बताया कि दो साल अनुभव की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
बीमारी के नाम पर मांगी छुट्टी तो कराएंगे जांच
मूल्यांकन में लगाए गए सैकड़ों शिक्षकों ने बीमारी के नाम पर ड्यूटी कटवाने के आवेदन दिए हैं। डीआईओएस ने कहा कि जिन शिक्षकों ने चिकित्सा अवकाश के लिए आवेदन किया है उनकी मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जाएगी। गलत आवेदन पर शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
पहले दिन नहीं आए एक तिहाई शिक्षक: 10वीं-12वीं की कॉपियां जांचने के लिए प्रयागराज में नौ मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन एक तिहाई शिक्षक गैरहाजिर रहे।