गोरखपुर।
भ्रष्टाचार को लेकर उप निबंधक व आरटीओ में हुई कार्रवाई के बाद एक दर्जन से अधिक विभाग के कर्मचारी और अधिकारी डीएम के रडार पर हैं। जानकारों के अनुसार बेसिक, माध्यमिक शिक्षा, आपूर्ति, समाज कल्याण और तहसीलों में बड़ी संख्या में बिचौलियों का बोलबाला है।
शिक्षकों की ट्रांसफर, पोस्टिंग, अवकाश, निर्माण कार्य के ठेके, सामग्री की खरीद-फरोख्त को लेकर शिक्षा विभाग चर्चा में रहता है तो वहीं कमीशन पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए समाज कल्याण में सुविधा शुल्क वसूलने की शिकायतें आम हैं। जिलापूर्ति कार्यालय भी ऐसी ही जनकल्याणकारी योजनाओं में खेल को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है। तहसीलों में जाति, आय, निवास प्रमाणपत्र जैसे छोटे-छोटे कार्यों के लिए लेखपालों के अनाधिकृत मुंशी के माध्यम से आवेदकों से सुविधा शुल्क वसूलने की शिकायतें भी हमेशा आती रहती हैं।
इसी तरह जमीन की पैमाइश, हैसियत प्रमाण पत्र, शस्त्र आदि मामलों में आवेदकों की जांच के काम में भी तहसीलों के अधिकारी-कर्मचारियों पर हमेशा सवाल उठते रहते हैं। अब इन सभी विभागों की कार्यप्रणाली की डीएम खुद निगरानी कर रहे हैं। संबंधित विभागों में भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए गोपनीय तरीके से वहां की कार्यप्रणाली की सभी सूचनाएं एकत्रित कराई जा रही हैं। इन सूचनाओं के आधार पर ही गोपनीय टीम से मामले की जांच कराई जाएगी। स्टिंग कराने के साथ ही फोन कॉल की भी रिकार्डिंग कराई जाएगी। कहीं भी गड़बड़ी या रुपये वसूलने की पुष्टि हुई तो कार्रवाई तय है।
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि ऐसे सभी विभाग जहां विभिन्न कार्यों के लिए आमजन की आवाजाही ज्यादा होती है, वहां की भी निगरानी कराई जा रही है। समय से दफ्तर नहीं आने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ही अवैध वसूली व बिचौलियों की मौजूदगी पाए जाने पर संबंधित विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी रजिस्ट्री और आरटीओ विभाग की ही तरह कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार मे नाम आने पर उप निबंधक केके तिवारी अवकाश पर
रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा दर्ज होने की कार्रवाई के बाद सोमवार को मुख्यालय स्थित रजिस्ट्री कार्यालय का नजारा बदला-बदला सा नजर आया। कार्यालय में हरेक कुर्सी पर कार्रवाई की चर्चा हो रही थी। हालांकि व्यक्ति के सामने कोई कुछ नहीं बोल रहा था। मामले में एक उप निबंधक केके तिवारी, जिन पर नामजद एफआईआर हुई है, उनके चैंबर में ताला लटका रहा। विभाग के आला अफसरों के मुताबिक वह तीन-चार दिन के अवकाश पर हैं। उधर कलेक्ट्रेट, विकास भवन समेत जिले के सभी विभागों में डीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई की ही पूरे दिन चर्चा होती रही।