डीएम विजय किरन आनंद के निर्देश पर शनिवार की सुबह जिला एवं ब्लॉक स्तरीय 75 अधिकारियों के औचक निरीक्षण में शिक्षा, पंचायत, आंगनबाड़ी समेत विभिन्न विभागों के 358 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इनमें से कई तय समय के बाद कार्यालय-स्कूल पहुंचे तो कुछ आए ही नहीं। सभी से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही अग्रिम आदेश तक के लिए डीएम ने उनका वेतन भी रोकने का निर्देश दिया है। यह हाल तब है जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ही चेतावनी जारी की थी कि समय से दफ्तर, स्कूल नहीं पहुंचने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीएम के निर्देश पर सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने एक दिन पहले शुक्रवार को ही पंचायतों में तैनात संबंधित विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति जांचने की रूपरेखा तैयार कर ली थी। उन्होंने रात को ही 75 अधिकारियों की एक टीम बनाई। सभी को फोन कर उन्हें उनकी जिम्मेदारी सौंपी और शनिवार की सुबह छह बजे विकास भवन पहुंचने को कहा।
सभी अधिकारी वहां एकत्रित हुए। डीएम व सीडीओ ने उन्हें जांच के बिंदु एवं स्थान के बारे में बताया। इसके बाद ये अधिकारी जांच के लिए निकल गए। डीएम ने खुद चरगांवा ब्लाक में जांच की। वहां कंपोजिट विद्यालय अमवा में पहुंचे और शिक्षकों तथा बच्चों से बात की। अन्य अधिकारियों ने स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति, लेखपाल व सचिवों के गांव में पहुंचने की स्थिति, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सफाई कर्मी, रोजगार सेवक एवं प्राविधिक सहायक कृषि की उपस्थिति भी जांची। इन कर्मियों के व्यवहार को लेकर गांव के लोगों से फीडबैक भी लिया। टीम के जांच कर लौटने के बाद मिली रिपोर्ट के आधार पर सीडीओ ने कार्रवाई की।
ये मिले अनुपस्थित
परिषदीय विद्यालयों के 13 प्रधानाध्यापक, 91 सहायक अध्यापक, 44 शिक्षामित्र एवं अनुदेशक, 38 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 36 सहायिका, 18 ग्राम पंचायत सचिव, 22 लेखपाल, 20 ग्राम रोजगार सेवक, 17 एएनएम, 14 सफाई कर्मचारी एवं 45 प्राविधिक सहायक कृषि अनुपस्थित रहे।
डीएम विजय किरन आनंद ने कहा कि ग्राम स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों, शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति एवं कार्यशैली को जांचने के लिए औचक जांच कराई गई। इसके लिए 75 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अनुपस्थित मिले शिक्षकों, कर्मचारियों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है। उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। समय से स्कूल, कार्यालय नहीं पहुंचने वाले शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।