शिक्षक संगठनों ने जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर की आदेश निरस्त करने की मांग
ललितपुर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति निर्धारित समय में व्हाट्एप ग्रुप में भेजने के आदेश पर शिक्षकों में उबाल है और अब शिक्षकों का आक्रोश सड़कों पर भी देखने को मिल रहा है। शनिवार को शिक्षक संगठनों ने जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर व्हाट्सएप ग्रुप पर उपस्थिति मांगने के आदेश को वापस कराने की मांग की है
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने शुक्रवार के जनप्रतिनिधियों को दिए ज्ञापन में बताया कि बेसिक शिक्षा के सफल क्रियान्वयन एवं संचालन के लिए समय समय पर विभिन्न आदेश निर्गत किए जा रहे हैं। ऑनलाइन एवं व्हाट्सएप ग्रुप सुदूर ग्रामीण अंचलों में प्रभावी व सफल न होने के कारण प्रदेश संगठन के द्वारा विरोध कर दिए जाने पर प्रेरणा एप एवं दीक्षा एप को ऑनलाइन स्थगित कर दिया गया है 11 अप्रैल को बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश जारी किया गया कि समस्त शिक्षक अपने व्यक्तिगत मोबाइल द्वारा समस्त विद्यालय की उपस्थिति रजिस्टर की फोटा व्हाट्सएप ग्रुप पर सुबह 7.50 बजे तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं अन्यथा की स्थिति में शिक्षकों को अनुपस्थित मानकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी, जो पूर्णतः गलत एवं आर्थिक शोषण को बढ़ावा देने वाला बताया। प्रत्येक विकास खंड में काट्सएप ग्रुप प्रधानाध्यापक एवं इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा समस्त विद्यालय के स्टाफ की उपस्थिति फोटो खींचकर ग्रुप में डालना असंभव एवं अवैधानिक व नियम विरुद्ध है। ऐसे आदेश किसी अन्य जनपद में नहीं है सुदूर ग्रामीण अंचलों में नेट की समस्या और एंड्रायल मोबाइल उपलब्ध नहीं होने के कारण इस तुगलकी आदेश का पालन करना संभव नहीं है। आदेश का अनुपालन धरातल पर न हो पाने के कारण शिक्षकों का उत्पीड़न एवं उन्हें प्रताड़ित करने की मंशा लग रही है और यह आदेश विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है। शासन द्वारा शिक्षकों को एंड्रॉयल मोबाइल /टेबलेट एवं यह संचालित करने के लिए कोई भी धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। संगठन ने उक्त आदेश को निरस्त करने की मांग की है। ज्ञापन पर जिलाध्यक्ष नीरज चतुर्वेदी, जिला महामंत्री नारायण दास, मंडलय उपाध्यक्ष बंसत जैन, रमेश चंदरक कमलकांत राजीव शर्मा, महेश वर्मा, राजेश जायसवाल, प्रमोदकुमार सैनी, उदयवीर, जसवंत सिंह, राजा भैया, धर्मेंद्र पुरोहित, बृजेश तिवारी आदि के हस्ताक्षर है।