सपा सरकार में थी ऊंची पहुंच, भाजपा में बर्खास्त
विनय पाण्डेय को वर्ष 2016 में हाईकोर्ट ने बर्खास्त करने का आदेश दिया था लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने इस पर अमल नहीं किया। बाद में वर्ष 2018 में भाजपा सरकार में बर्खास्त कर दिया गया। विनय ने स्टे लिया और विभाग ने उन्हें बहाल कर शिक्षा विभाग के निदेशक का कार्यभार सौंप दिया था।
लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक विनय कुमार पाण्डेय को मंगलवार को निलंबित कर दिया है। उन्हें बलिया में पेपर लीक, दायित्वों का निर्वहन न करने, सरकारी कामों के प्रति लापरवाही बरतने और शासन के निर्देशों का पालन न करने के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। वह इस समय साक्षरता, उर्दू एवं प्रच्य भाषा विभाग के निदेशक थे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। माना जा रहा है कि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जाएगी।
विनय कुमार पाण्डेय को 21 अप्रैल को माध्यमिक शिक्षा विभाग से हटाया गया था। बलिया के पेपर लीक कांड की वजह से मुख्यमंत्री उनसे नाराज चल रहे थे। सूत्रों के मुताबिक विभागीय मंत्री गुलाब देवी भी उनकी कार्यशैली से संतुष्ट नहीं थीं। विनय पाण्डेय को 2018 में निदेशक के पद का कार्यभार सौंपा गया था। वर्ष 2021 में उन्हें प्रोन्नत कर निदेशक बनाया गया था। बीते पांच सालों से यूपी बोर्ड को नकलविहीन छवि बनाने में राज्य सरकार सफल रही थी लेकिन इस वर्ष पेपर लीक कांड हो गया। 24 जिलों में पेपर दोबारा लिया गया। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया था।