- बच्चे परीक्षा के दौरान घबराहट भरे माहौल से दूर रहें, आपको अपने दोस्तों की नकल करने की जरूरत नहीं है
- परीक्षा देते-देते हम सभी लोग ‘एक्जाम प्रूफ’ हो चुके हैं, आपने जो तैयारी की है, उसमें विश्वास से आगे बढ़कर परीक्षा दें
- प्रतिस्पर्धा को जीवन के सबसे बड़े उपहार के रूप में लें, प्रतिस्पर्धा होगी तभी तो आपकी परख होगी
- माता-पिता बच्चों की पसंद नापसंद का ध्यान रखें, बच्चे मन को स्थिर करेंगे तो उनका फोकस बढ़ेगा
बच्चों के सपने समझें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, बच्चों के सपनों को न समझ पाने से दूरियां बढ़ जाती हैं। इसलिए मेरा आग्रह है कि माता-पिता अपने सपनों को बच्चों पर न थोपें बल्कि बच्चों की पसंद-नापसंद का ध्यान रखें। उनके सपने को समझें।
नई दिल्ली,विशेष संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों और अभिभावकों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। उन्होंने छात्रों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा, परीक्षा हमारी जिंदगी का छोटा-सा हिस्सा है, जिससे हम पहले भी गुजर चुके हैं, ये नया नहीं है। इसलिए हमें डरना नहीं चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से कहा, आप बच्चों पर अपने सपनों का बोझ न डालें। आपकी और शिक्षकों की अपेक्षाएं पूरी करने में बच्चों को जिस उलझन से गुजरना पड़ता है वह बड़ी चिंता का विषय है।
तनावमुक्त हो परीक्षा दें