पांच दिन पूर्व बीएसए कमल सिंह ने राजेश यादव को सस्पेंड किया और दूसरे स्कूल से संबद्ध कर दिया। लेकिन पूरी तरह अनुशासनहीनता पर उतरे इस शिक्षक ने संबद्ध स्कूल में हाजिरी नहीं लगाई है। वह नाहिली पाठशाला को छोड़ना नहीं चाहता। गुरुवार को भी वह स्कूल दस मिनट देरी से पहुंचा। बच्चे और शिक्षक इंतजार कर रहे थे। दोपहर बाद वह स्कूल में ताला लगाकर चाबियां अपने साथ ले गया।
ग्रामीणों में भी मनमानी की चर्चा
नाहिली पाठशाला की इस घटना से ग्रामीण भी दो फाड़ होने लगे हैं। ग्रामीणों का ये भी कहना है कि स्कूल में बाहरी शिक्षिकाएं पढ़ाने नहीं आनी चाहिए। बाहरी बच्चे ट्यूशन पढ़ने आते हैं। ये तो उचित हो सकता है लेकिन राजेश की मनमानी से लोग सहमत नहीं हैं। 6 दिसंबर को जब बवाल हुआ था उस समय ग्रामीणों के खिलाफ भी मुकदमा हुआ था। अब फिर से इसी तरह के हालात बनने लगे हैं।
मैनपुरी । नाहिली पाठशाला का मामला बढ़ता ही जा रहा है। बच्चों को बंधक बनाकर हंगामा करने के आरोपी शिक्षक को विभाग ने सस्पेंड तो कर दिया। लेकिन ये शिक्षक अब तक संबद्ध किए गए विद्यालय में नहीं पहुंचा है।
उधर विभाग ने भी इस पाठशाला का संचालन करने के लिए अब तक किसी को भी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी नहीं दी है। गुरुवार को सस्पेंड शिक्षक देरी से स्कूल पहुंचा और स्कूल टाइम पूरा होने के बाद ताला लगाकर चाबियां अपने साथ ले गया। नाहिली पाठशाला में रुबीना इजहार 6 दिसंबर से पहले तक प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात थीं। 6 दिसंबर को उन्हें स्कूल में बवाल होने के बाद हटा दिया गया। इसके बाद से ही आरोपी शिक्षक राजेश यादव स्वघोषित इंचार्ज प्रधानाध्यापक बन गया। विभाग ने भी लापरवाही की और इस पाठशाला में किसी को भी प्रधानाध्यापक नहीं बनाया। पिछले दिनों स्कूल के शिक्षकों की शिकायत पर मनमानी करने के आरोपी शिक्षक राजेश को सस्पेंड तो कर दिया गया। लेकिन आज तक इस स्कूल में प्रधानाध्यापक की पोस्टिंग विभाग ने नहीं की है।