कोरोना संक्रमण से प्रभावित राज्य कर्मचारियों के हित में योगी सरकार एक महत्वपूर्ण फैसला लेने जा रही है। कोरोना महामारी के कारण बड़ी संख्या में विभिन्न कारणों से कार्यालय आने में असमर्थ रहे राज्य कर्मचारियों को राज्य सरकार अधिकतम 21 दिनों का विशेष अवकाश स्वीकृत करेगी। अभी राज्य कर्मचारियों के लिए विशेष अवकाश की व्यवस्था नहीं है। कोरोना की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार यह फैसला करने जा रही है। वित्त विभाग के इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
बीते दो वर्षों के दौरान कोरोना वायरस से राज्य कर्मचारी भी बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए हैं। बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए या परिवार के सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने पर स्वजनों की तीमारदारी और आइसोलेशन की वजह से कर्मचारी कार्यालय नहीं आ सके। ऐसे कर्मचारियों की भी बड़ी तादाद है जिनके घर कंटेनमेंट जोन में थे। कंटेनमेंट जोन में लागू पाबंदियों की वजह से वे कार्यालय आने में असमर्थ थे।
वित्त विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक ऐसे राज्य कर्मचारी जो स्वयं या परिवार के सदस्यों के कोरोना संक्रमित होने के कारण कार्यालय में अनुपस्थित रहे, उन्हें उनकी/परिवार के सदस्यों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने तक या 21 दिन, जो भी कम हो, विशेष अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। यदि कर्मचारी को कोविड की वजह से 21 दिनों से ज्यादा समय तक कार्यालय में अनुपस्थित रहना पड़ा हो तो 21 दिन के विशेष अवकाश के बाद उसके खाते में दर्ज छुटिट्यां समायोजित की जाएंगी। कंटेनमेंट जोन के मामले में विशेष अवकाश उस अवधि तक के लिए स्वीकृत होगा जब तक वहां आवागमन पर रोक लागू रही हो। यदि कोई कर्मचारी दो बार कोरोना संक्रमित हुआ है तो उसे दो बार विशेष अवकाश का लाभ दिया जाएगा।
’कोविड के कारण कार्यालय में अनुपस्थित रहे कर्मचारियों को राहत
’यदि दो बार हुए कोरोना संक्रमित तो दोनों बार मिलेगा लाभ