लखनऊ । रोजगार सृजन उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। सरकार न सिर्फ विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को तेजी से भरना चाहती है बल्कि स्वरोजगार पर भी उसका फोकस है। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत वित्त विभाग ने अगले 100 दिनों में 21000 करोड़ रुपये के ऋण प्रवाह की योजना तैयार की है।
रोजगार सृजन को गति देने के लिए योगी सरकार स्वयं सहायता समूहों, रेहड़ी-पटरी दुकानदारों, किसान क्रेडिट कार्डधारकों, मत्स्य पालकों तथा सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योगों को ऋण मुहैया कराने पर जोर दे रही है। महानिदेशक संस्थागत वित्त शिव सिंह यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विभाग ने अगले 100 दिनों, छह माह और पांच वर्षों के दौरान ऋण प्रवाह की कार्ययोजना तैयार की है।
100 दिनों में जहां 21000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराने की योजना है, वहीं अगले छह माह के दौरान स्वरोजगार को गति देने के लिए 51000 करोड़ रुपये के कर्ज उपलब्ध कराने का इरादा है। आगामी पांच वर्षों में दो लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरण का खाका खींचा गया है। इसके लिए प्रदेश में बैंकिंग सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। आगामी एक वर्ष में प्रदेश में जहां 700 नई बैंक शाखाएं खोलने की योजना है, वहीं अगले छह माह में 7000 नए बैंकिंग आउटलेट खोले जाएंगे।
पांच साल में पांच करोड़ रोजगार : मंत्रिपरिषद के समक्ष अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास सेक्टर के 11 विभागों की कार्ययोजनाओं के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अगले पांच वर्ष में बैंकों के सहयोग से प्रदेश के वार्षिक क्रेडिट को पांच लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का प्रयास हो। इससे लगभग पांच करोड़ रोजगार सृजित होंगे। अगले तीन माह में एक वृहद ऋण मेले का आयोजन हो, जिसमें बैंकों के माध्यम से न्यूनतम एक लाख उद्यमियों को लोन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखें।