लखनऊ, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से 10 हजार की मदद दी जाएगी। इसके माध्यम से वह अपना रोजगार कर सकेंगे। जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) और जिला प्रबंधक अनुगम, लखनऊ मनोज शुक्ला ने बताया कि निगम के माध्यम से संचालित योजनाओं के लिए आवेदन मांगे गए हैं।
स्वतः रोजगार योजनाः इस योजना के तहत जिले के अनुसूचित जाति के बेरोजगार और गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को उद्योग, व्यवसाय एवं सेवा क्षेत्र में बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर निगम द्वारा परियोजना लागत का 25 प्रतिशत मार्जिन मनी ऋण चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के रूप में और अधिकतम 10000 अनुदान मिलेगा।
नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजनाः इस योजना में जनपद में निवास करने वाले अनुसूचित जाति के बेरोजगार तथा गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को जिनके पास दुकान निर्माण हेतु 13.32 वर्गमीटर के स्थल का भूमि स्वामित्व उनके पक्ष में हो, आवेदन करने के पात्र होंगे। इसकी परियोजना लागत 78,000 रुपये है जिसमें 10,000/- अनुदान मिलेगा और शेष धनराशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में उपलब्ध करायी जाएगी। 10 वर्ष के अंदर पैसा जमा करना होगा।
लांड्री एवं ड्राई क्लीनिंग योजनाः इस योजनान्तर्गत धोबी समाज के लोगों को लाणंड्री संचालित करने के लिए 2.16 लाख और एक लाख की परियोजना संचालित है। दोनों प्रकार की परियोजनाओं के लिए 10,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। दोनों के लिए क्रमश: 2.06 लाख एवं 0.90 लाख ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा। 60 मासिक किश्तों में लोन अदा करना होगा।
टेलरिंग शाप योजनाः इस योजना में जनपद में निवास करने वाले अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवक एवं युवतियों तथा गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को टेलरिंग शाप हेतु रूप 20,000 की परियोजना उपलब्ध करायी जाती है, जिसमें 10,000 रुपये अनुदान मिलता है। लोन की अदायगी 36 समान मासिक किश्तों में की जाती है।
बैंकिंग करेस्पार्डिंग योजनाः इस योजना में जिले में निवास करने वाले अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवक एवं युवतियों तथा गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले एवं शैक्षिक योग्यता इंटर साथ ही कंप्यूटर का ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों को बैंक करेस्पाडिंग के लिए 10,0000/- की परियोजना उपलब्ध करायी जाती है, जिसमें 10,000 रुपये अनुदान और 25,000 परियोजना लागत का 25 प्रतिशत मार्जिन मनी लोन चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के रूप में मिलता है।
आटा-मसाला चक्की योजनाः इस योजना में जिले में निवास करने वाले अनुसूचित जाति की उद्यमी महिलाएं जो गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले को आटा-मसाला चक्की के लिए 20,000 रुपये की परियोजना उपलब्ध करायी जाती है, जिसमें 10,000 रुपये अनुदान और10,000 रुपये ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। जिसकी अदायगी 36 समान मासिक किश्तों में की जाती है।
कैसे करें आवेदनः समस्त योजनाओं के आवेदन पत्र किसी भी कार्य दिवस में विकास भवन स्थित जिला प्रबन्धक अनुसूचि जाति वित्त एवं विकास निगम कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
कितनी वार्षिक आय वाले को मिलेगा अनुदानः योजनाओं के लाभ के लिए शहरी इलाके के युवाओं के परिवार की वार्षिक आय शहरी के लिए 56,460 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 46,080 रुपये निर्धारित की गई है। तहसील से बना आय प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।