प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस 2020 की भर्ती में बड़ी अनियमितता सामने आयी है। इस भर्ती में कटआफ से अधिक अंक पाने वाले सामान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया गया। इसका खुलासा भर्ती परीक्षा का प्राप्तांक व कटआफ अंक जारी होने के बाद हुआ है।
पीसीएस 2020 की भर्ती में चयन से वंचित रहने वाले अभ्यर्थी इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं। वो कोर्ट से नियुक्ति दिलाने की मांग करेंगे। वहीं, आयोग का कहना है कि अभ्यर्थियों ने फार्म ठीक से नहीं भरा। इसके चलते वे चयन से वंचित रह गए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 13 अप्रैल को पीसीएस 2019 व 2020 और आरओ/एआरओ 2016 के समस्त अभ्यर्थियों का प्राप्तांक, कटआफ अंक जारी किया था। पीसीएस 2020 (सामान्य ग्रुप) की प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य वर्ग व ओबीसी का न्यूनतम कटआफ अंक 110 गया है। इसमें एक ओबीसी अभ्यर्थी को 113 अंक प्राप्त हुए हैं। इसी भर्ती में एक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 120 अंक मिले हैं।
दोनों अभ्यर्थी द्वितीय प्रश्न पत्र में भी पास हैं। द्वितीय प्रश्न पत्र में 66 अंक प्राप्त करने वालों को क्वालीफाई माना जाता है। द्वितीय प्रश्नपत्र में ओबीसी अभ्यर्थी को 84 तथा सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को द्वितीय प्रश्न पत्र में 116 अंक मिले हैं। इसके बावजूद दोनों अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया गया।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि दोनों अभ्यर्थियों ने आवेदन फार्म में पीसीएस 2020 के तहत मात्र एसीएफ/आरएफओ का आप्शन भरा था। पीसीएस सामान्य ग्रुप का आप्शन नहीं भरा था। इसी कारण पीसीएस में उनके अभ्यर्थन पर विचार नहीं किया गया और उनका चयन नहीं हुआ।