लखनऊ। प्रदेश की 50 हजार आंगनबाड़ी मॉडल केन्द्रों के रूप में विकसित की जाएंगी। इन्हें सक्षम आंगनबाड़ी कहा जाएगा। 25 हजार केन्द्रों को दो साल में और बाकी के 25 हजार केन्द्रों को अगले पांच सालों में विकसित कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखी गई कार्ययोजना में बाल विकास व पुष्टाहार विभाग ने तय किया है कि पांच सालों के अंदर प्रदेश के 50 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे होंगे जो बाकी केन्द्रों के लिए आदर्श होंगे। यहां पर सभी आधारभूत सुविधाएं होंगी, ऑडियो वीडियो उपकरण होंगे जिससे बच्चों को यहां अक्षर व अंक ज्ञान हो सके और सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का इंतजाम होगा। यहां स्कूल प्री किट समेत पढ़ाई-लिखाई के भी बेहतर इंतजाम होंगे ओर रंगाई-पुताई के साथ बाला (बिल्डिंग एज़ लर्निंग ऐड) पेंटिंग व टाइल्स आदि का इंतजाम होगा। प्रदेश में 189432 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इसमें 43 हजार केन्द्रों के पास अपने भवन है जबकि एक लाख से ज्यादा केन्द्र प्राथमिक स्कूलों के भवन और 27333 केन्द्र पंचायत भवनों में हैं। लगभग 13 हजार किराए के भवनों में हैं। इनमें 68 फीसदी ही बिजली हैं बाकी अंधेरे में है।